एनएच घोटाले के मास्टरमाइंड तक पहुंची एसआईटी!

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(देहरादून) उधमसिंह नगर मे हुए एनएच घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे बड़े नामों के खुलासे होने लगे है। माना जा रहा है कि एसआईटी इस घोटाले के मास्टरमाइंड तक पहुंच चुकी है। सरकार की ओर से आईएएस अधिकारियों पर फैसला लेते ही एसआईटी इस ओर भी मास्टरमाइंड पर हाथ डाल सकती है।

जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे दोषी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कई बार कह चुके किसी को नहीं बख्शा जाएगा। कई पीसीएस अफसरों के बाद अब एसआईटी की जांच दो वरिश्ठ आईएएस अधिकारियों तक जा पहुंची है। उनपर भी शीघ्र कार्रवाई की बात हो रही है। इस मामले में अब तक की जांच को जानकारी सही दिशा में बता रहे हैं, हालांकि इसकी धीमी गति पर जरूर सवाल खड़े होते रहे है। लेकिन अब माना जा रहा है कि इन अधिकारियों के जरिए ही सरकार इस घोटाले के मास्टरमाइंड तक पहुंचने का प्रयास करेगी। सरकार का जांच का फैसला भले ही शुरू में राजनैतिक लग रहा हो लेकिन अब लगता है कि इस घोटाले में शामिल असली लोग जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे।

सामने आई थी भारी अनियमिततांए

राष्ट्रीय राजमार्ग 74 के चौड़ीकरण के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण में भारी अनियमिततांए सामने आई थी। उस समय प्रदेश में हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के समय ही इस मामले को जोरशोर से उठाया था। तब भाजपा नेताओं ने चुनाव में घोषण की थी कि अगर सत्ता में आए तो इस घोटाले की जांच की जाएगी। भारी बहुमत से सरकार बनाते ही आयुक्त स्तर पर इस मामले की जांच में भू-उपयोग बदले जाने की बात सामने आई। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घोटाले के लिए एसआईटी का गठन कर जांच शुरू करवा दी थी। इस मामले में अभी तक आठ पीसीएस अधिकारी प्रथम दृष्टया आरोपी पाए गए हैं। इनमें से सात निलंबित हैं जबकि एक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जांच जब जो वरिष्ठ आईएएस अफसरों तक पहुंची तो सरकार ने बिना देर किए आईएएस पंकज कुमार पांडेय और आईएएस चंद्रेश यादव के खिलाफ कार्यवाही के लिए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से भी मंजूरी ले ली। सरकार के इस कदम को इस घोटाले के असली गुनहगारों तक पहुंचने को उठाया गया कदम बताया जा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस में भी खलबली मची हुई है। कांग्रेस नेता लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहें है।