केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के पहले चरण में भारतीय अर्थ व्यवस्था की रीढ़ समझें जाने वाले गृह, कुटीर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र (एमएसएमई सेक्टर) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के बिना गारंटी लोन योजना का ऐलान किया। इसके साथ ही छोटी कंपनियों को कर्मचारी भविष्य निधि ( ईपीएफ) मामले में बड़ी राहत देते हुए और अगले 3 महीने तक जारी रखने की घोषणा की है। वहीं, बड़ी और मध्यम कंपनियों को अगले तीन माह तक पीएफ फंड में 12 फीसदी की बजाय 10 फीसदी का अंशदान करना होगा। इसके अलावा वित मंत्री ने 31 मार्च, 2020 तक सभी तरह के टीडीएस और टीसीएस में 25 फीसदी कटौती का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने इसके साथ ही आयकर रिटर्न भरने की समय सीमा को बढ़ाने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार (12 मई) को राष्ट्र के नाम संबोधन में आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा की थी। इसके लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को शाम 4 बजे विशेष आर्थिक पैकेज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तृत जानकारी दी। इसमें एमएसएमई सेक्टर के बारे में ही फोकस रखा गया। वित्त मंत्री अगले दो दिनों तक भी लगातार इस आर्थिक पैकेज के बारे में बताएंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि देश का एमएसएमई सेक्टर 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। इस आर्थिक पैकेज के एलान से इस क्षेत्र की 45 लाख यूनिट्स को फायदा होगा और 6750 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए एमएसएमई सेक्टर के उद्योग को 31 अक्टूबर तक कोई गारंटी नहीं देनी होगी। बैंक जो ऋण देंगे उसकी समय-सीमा 4 साल की होगी। इसमें पहले साल मूलधन नहीं चुकाना होगा। एमएसएमई सेक्टर को मिलने वाले लाभ के चलते इस क्षेत्र की इकाइयां अपना विस्तार नहीं करती थीं, उसके लिए भी सरकार ने रास्ता खोल दिया है और इसमें निवेश को की सीमा बढ़ा दी है। इसके साथ ही इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने घोषणा की है कि 200 करोड़ रूपए तक का सरकारी टेंडर वैश्विक कंपनियों (ग्लोबल टेंडर) के लिए नहीं होगा। इसके साथ ही जो काम अटके पड़े हैं उनके ठेकेदारों को भी 6 महीने के मोहलत का प्रावधान किया गया है।
सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर की लघु इकाइयों, जिनमें कम संख्या में कर्मचारी काम करते हैं, उनके 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों का ईपीएफ अगले तीन माह तक भी सरकार देगी। लॉक डाउन के पहले चरण में सरकार ने कहा था कि वह मई तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का ईपीएफ जमा कराएगी। अब सरकार अगस्त तक ईपीएफ का पैसा भरेगी। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों को पीएफ में अगले 3 महीने तक 12 फीसदी की जगह पर 10 फीसदी का अंशदान करना होगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि बिजली कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपये की नकदी दी जाएगी। सीतारमण ने प्रेस को संबोधित करते हुए कई अन्य घोषणाएं की हैं।वित्त मंत्री ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा की है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए आयकर रिटर्न की देय तिथि अब 31 जुलाई और 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 तक कर दी गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि समाज के कई वर्गों के साथ विस्तार से बातचीत करके ये आर्थिक पैकज तैयार किया गया है। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद इसको तैयार करने में शामिल रहे। सरकार ने पिछले तीन महीने में किसानों और गरीबों के लिए कई कदम उठाए हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि कि 80 करोड़ गरीबों को सरकार ने 5-5 किलो चावल और अन्य अनाज बांटा है। 8 करोड़ उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को तीन महीने मुफ्त सिलेंडर दिया का रहा है। वहीं, गरीब कल्याण योजना के तहत जो घोषणाएं की गई थी, उन्हें पूरा किया जा रहा है।
– बिजली कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपये की नकदी
– एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की स्कीम
– 15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ सरकार देगी
– 10 करोड़ रुपये निवेश या 50 करोड़ रुपये टर्नओवर पर छोटे उद्योग का दर्जा
– ज्यादा टर्नओवर के बावजूद छोटे उद्योग का दर्जा खत्म नहीं होगा
– संकट में फंसे छोटे उद्योग के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
– छोटे उद्योग को मिलेगा 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी लोन