बर्फबारी के बाद उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड, हाईवे ​सहित कई मार्ग बाधित

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देहरादून,  प्रदेश के चारधाम समेत राज्य के सभी ऊंचे इलाकों में हुई बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश के चलते प्रदेश में कड़ाके की ठंड है। कई इलाकों में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। राजधानी देहरादून में सुबह बादल छाए रहे लेकिन दोपहर बाद धूप निकली परंतु ठंड जारी है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले में बर्फबारी के कारण मायाली चिरबटीया मार्ग अवरुद्ध है। देहरादून जिले में बर्फबारी के कारण लोखड़ी कोटी कानासर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 77) यातायात के लिए अवरुद्ध है जिसे खोलने का कार्य जारी है।
पौड़ी जिले में स्थिति सामान्य है। उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 108) बर्फबारी के कारण सुखी टॉप के पास बंद है। ऋषिकेश यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 94) राड़ी बड़कोट, जानकीचट्टी और फूलचट्टी में बर्फबारी के कारण अवरुद्ध है। चिन्यालीसौड़ सुवाखोली मसूरी देहरादून मोटर मार्ग बंद है। उत्तरकाशी लंब गांव श्रीनगर मोटर मार्ग भी बर्फबारी के कारण बंद है।
चंपावत जिले में टनकपुर लोहाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 09) स्वाला के पास बंद है। बागेश्वर जिले में सात ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं। पिथौरागढ़ जिले में घाट पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 09) दिल्ली बैंड के पास (घाट पुल से 60 मीटर पिथौरागढ़ की तरफ) लगभग 30 मीटर रोड धंसने से यातायात शुक्रवार से ही बंद है। थल मुनस्यारी मोटर मार्ग भी बर्फबारी के कारण बंद है। तहसील धारचूला मुंसियारी एवं अन्य ऊंचे क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई है।
चमोली जिले में तहसील घाट के आठ गांव, गैरसैंण के 30 गांव, नारायणगढ़ के 25 गांवों एवं पोखरी और जोशीमठ में और टिहरी जिले के धनोल्टी के कुछ गांव में बर्फबारी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित है।
ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 58) दिवालीखाल जोशीमठ एवं हेलगं के पास बंद है। 14 मोटर मार्ग भी अवरुद्ध है जिससे लोगाें काे काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ऋषिकेश धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 94) पर भी यातायात ठप्प है।
मौसम विभाग के अनुसार देश में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिले में कहीं हल्की वर्षा और बर्फबारी की संभावना है। ढाई हजार मीटर एवं अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में बर्फबारी की संभावना अधिक है। इस दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं शीत दिवस की स्थिति हो सकती है।”