(हरिद्वार) निकाय चुनाव में मेयर पद के प्रत्याशियों को लेकर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी है। सोशल मीडिया पर भाजपा प्रत्याशी को लक्सर की किरायेदार बताया है तो कांग्रेस प्रत्याशी अनिता शर्मा को हरिद्वार की बेटी बताकर जनता का मन जानने का प्रयास किया है। कुल मिलाकर हरिद्वार की जनता महिला मेयर के सिर पर ताज सजाने से पहले फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है।
बढ़ती सर्दी के साथ ही निकाय चुनाव की सरगर्मी ने वातावरण में गर्मी पैदा कर दी है। चुनावी बेला में हर कोई बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहा है। गली-मौहल्ले और दुकानों पर चुनावी चर्चा ही सुनाई देने लगी है। हर कोई अपने आंकड़े बताकर अपने पसंदीदा प्रत्याशी की जीत के दावे कर रहा है। बहरहाल अभी दावों का यह दौर चुनाव परिणाम तक जारी रहेगा। जीत किसका वरण करती है अभी यह भविष्य के गर्त में ही है। मेयर पद की कांग्र्रेस व भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन के बाद अब उनके स्थानीय और आयातित होने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। कोई कांग्रेस प्रत्याशी अनिता शर्मा को हरिद्वार की बेटी बता रहा है तो कोई भाजपा प्रत्याशी अन्नू कक्कड़ को लक्सर की किराएदार। बतादें कि अनिता शर्मा का मायका और ससुराल दोनों की हरिद्वार की उपनगरी कनखल में हैं। सुसराल ओर मायके में एक किलोमीटर से भी कम का फासला है। ऐसे में अन्नू कक्कड़ मूल रूप से लक्सर की निवासी हैं जो कुछ समय पूर्व ही हरिद्वार में आकर बसीं हैं और हरिद्वार में जनता की बीच उनकी कोई खास पकड़ भी नहीं है। ऐसे में हरिद्वार की बेटी और लक्सर की किराएदार की बात उठना लाजमी है। ऐसे में लोग सोशल मीडिया के माध्यम से हरिद्वार की बेटी के पक्ष में खड़ा होने की अपील कर रहे हैं। जो कि अनिता शर्मा के लिए चुनावों में फायदेमंद साबित हो सकता है। चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो समय ही बताएगा।
पूनम भगत ने मेयर पद के लिए निर्दलीय पर्चा भर बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें
कांग्रेस में एक और बगावती स्वर सुनाई दिए। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री पूनम भगत ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अपना पर्चा मंगलवार को दाखिल कर दिया। पूनम भगत के इस कदम से कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
बता दें कि कांग्रेस नेत्री पूनम भगत समेत तमाम महिला नेत्री मेयर पद के लिए टिकट की उम्मीद लगाए बैठीं थी, अंतिम समय में टिकट अनीता शर्मा को मिल गया। इसके बाद से कांग्रेस में बगावत के स्वर बंलंद होना शुरू हो गए। पहले विमला पाण्डेय ने अपने महानगर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। उसके बाद किरण सिंह ने पार्टी को अलविदा कह दिया। मंगलवार को पूनम भगत ने बतौर निर्दलीय पर्चा भर दिया। हालांकि सोमवार से ही पूनम भगत के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी। सोमवार की रात्रि कांग्रेस के कुछ नेता पूनम भगत को मनाने उनके आवास पर भी गए, किन्तु उन्होंने अपना निर्णय बदलने से दो टूक मना कर दिया।
पूनम भगत का कहना है कि अभी भी उन्हें मेयर का टिकट मिलने की उम्मीद है। दिल्ली से उनके टिकट का ऐलान हो सकता है। निर्दलीय पर्चा भरने के बाद उन्होंने स्थानीय कुछ नेताओं पर भी अपनी भड़ास निकाली। वहीं महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल का कहना है कि पार्टी ने अनीता शर्मा को अपना उम्मीद्वार बनाया है। ऐसे में टिकट बदले जाने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता