रखरखाव के लिए निजी संस्थाओं को सौंपे जाएंगे गंगा के घाट : जिलाधिकारी

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जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा है कि कोरोना काल में लोगों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला प्रशासन एक मेला का आयोजन करवा रहा है, जिसमें स्वदेशी निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बिक्री की जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि गंगाघाटों की साफ-सफाई व रख-रखाव के लिए कुछ घाटों को स्वयंसेवी संस्थाओं को दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि कोरोना 19 को लेकर जिला प्रशासन आईसीएमआर के गाइडलाइन के तहत जांच एवं नियंत्रण के लिए ठोस नीति पर क्रियान्वयन कर रहा है। प्रतिदिन दो हजार से अधिक काेरोना की जांच के सापेक्ष जांच रिपोर्ट भी लगातार आ रही हैं।
आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से स्वदेशी सामानों की बिक्री के लगाए जायेंगे मेला
मेले के लिए हरिद्वार में तीन और रुड़की में दो स्थानों का चयन
जिलाधिकारी ने कहा कि गंगाघाटों की साफ-सफाई तथा रख-रखाव के लिए जनसहभागिता को बढ़ावा दिया जा रहा है। नगर के 112 गंगा घाटों में से कुछ प्रमुख घाटों को इच्छुक स्वयं सेवा संस्थाओं को तीन वर्ष के लिए दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि घाटों के रख-रखाव के लिए कई संस्थाओं ने इच्छा जाहिर की है। जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में लोगों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रशासन स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्वदेशी मेला का आयोजन करने जा रहा है। 01 नवंबर से शुरू होने वाली मेले के लिए फिलहाल हरिद्वार शहर में तीन और रूड़की में दो स्थानों पर मेला के लिए स्थल का चयन किया गया है। इसमें दीया, लाइटें, झाॅलर, पटाखें सहित दीपावली के मौके पर उपयोग में आने वाली अन्य वस्तुओं की बिक्री की जायेगी। मेला में विदेशी सामानों पर प्रतिबंध रहेगा। खास बात यह है कि इसमें स्टाॅल लगाने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन बैंकों के सम्बन्घ में शीघ्र ही एक दूरभाष नम्बर जारी करने जा रहा है, जिसके माध्यम से लोग बैंकों से सम्बन्धित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में 53 गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत विकसित करने का कार्य चल रहा है। अभी तक 20 गांवों में इस योजना को लागू किया जा चुका है और शेष गांवों में भी जल्दी ही योजना की शुरूआत की जायेगी। उन्होंने बताया कि एक गांव को विकसित करने में करीब 20 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे।