कुछ कहानियां महज़ कहानियां न होकर हमें और समाज को एक बड़ी सीख दे जाती हैं। ऐसी ही एक कहानी है देहरादून में रहने वाली 23 साल की कविता की। कविता की शादी देहरादून के कला और विनोद चंद के बड़े बेटे के साथ शादी हुई थी। किसी आम लड़की की तरह कविता भी अपने जीवन की इस नई शुरुआत को लेकर खासी उत्साहित थी। लेकिन होनी को कुछ और ही मंज़ूर था और कविता के जीवन की यह खुशी ज्यादा दिन नहीं रही।
2015 मे हरिद्वार में एक कार एक्सीडेंट ने कविता से उसका पति छीन लिया। इस तरह के हादसे किसी के भी जीवन को रोक सके हैं, लेकिन कविता के लिए इस हादसे ने एक नये रिश्ते को नई पहचान दिलाई।
उन दिनों को याद करते हुए कविता कहती हैं कि “मैं कभी भी अपने सास-ससुर को अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी, उन्होंने मुझे बहुत प्यार और सम्मान दिया था। मैने जब जिस की मांग की मेरी हर बात को मेरे ससुराल पक्ष ने पूरा किया।मुझे अपनी बेटी की तरह ही प्यार दिया गया।इस घटना के बाद मैं अपने माता-पिता के पास चली जाती तो शायद मेरे सास-ससुर और टूट जाते।”
बीतते समय के साथ चंद परिवार के लिए उनकी बहू परिवार का एक ऐसा हिस्सा बन गई जिससे वह दूर नहीं जा सकते थे। चंद परिवार में विनोद चंद का छोटा भाई विजय उनकी पत्नी कमला और दो बच्चे हैं। घटना के लगभग तीन साल बाद यानि की 19 नवंबर 2018 को इस छोटे से परिवार ने अपनी बहू कविता के लिए एक अच्छा लड़का ढ़ूढ़ा और उसकी शादी करा दी।
हर चीज़ का ध्यान रखते हुए यह शादी संपन्न की गई। परिवार ने ऋषिकेश के तेजपाल रावत को कविता के लिए चुना, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी पत्नी के पास उन सभी सुख-सुविधाएं होंगी जो वह अपनी जिंदगी में हमेशा से चाहती थी। दुल्हन की इच्छाओं के अनुरूप शादी, उत्सव, कपड़े, गहने, स्थल का आयोजन किया गया था।
भावनात्मक होते हुए विजय चंद हमें बताते हैं कि, “जब हमारे बेटे का निधन हो गया, तो हर किसी ने हमें कविता को वापस भेजने के लिए कहा क्योंकि लोगों के हिसाब से वह परिवार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रही। लेकिन हम हमेशा उसके साथ खड़े रहे। मैंने उसकी शादी करके अपनी बेटी के रूप में (कन्यादान) दे दिया। वह हमारे परिवार का एक कभी ना अलग होने वाला हिस्सा है।”
आज चंद परिवार मानवता का एक उदाहरण बन गया है। विजय कहते हैं, “मेरी इच्छा है और मैं आशा करता हूं कि हमारा समाज इस बात से कुछ सीख लेगा। हमारी बहू हमारी बेटी की तरह है,वह दुनिया में सभी प्यार और आशीर्वाद की हकदार है।”
कभी-कभी हमारे साधारण जीवन के बीच में कोई खास व्यक्ति हमें एक ऐसा तोहफा देता है जो केवल कहानियों में पढ़ा व सुना होता है। यह तोहफा कविता की जिंदगी में चंद परिवार द्वारा उपहार स्वरुप दिया गया है।