देहरादून। प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों का हाईटेक बनाया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सुपरवाइजरों को टेबलेट व मोबाइल फोन से लैस किया जाएगा। मंगलवार को प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को हाईटेक बनाया जाएगा।
बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा आंगनबाड़ी केन्द्रों को रजिस्टर मुक्त करके कार्यप्रणाली को हाईटेक किया जाए। इस सम्बन्ध में चार जनपदों उधमसिंह नगर, हरिद्वार, उत्तरकाशी एवं चमोली के लिए पायलट आधार पर राष्ट्रीय पोषण योजना की समीक्षा की। पेपर लैस कार्यप्रणाली को लेकर उन्होंने कहा इन चार जनपदों में सभी कार्य ऑनलाइन किया जाए। इस योजना में सात हजार आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं सुपरवाइजर को टेबलेट एवं फोन दिया जाएगा। इस योजना में एक मोबाईल-एप के माध्यम से कार्य होंगे। इन केन्द्रों पर कुपोषण मुक्ति, स्वास्थ्य सुविधा एवं पेयजल, शौचालय एवं प्रशिक्षण की सुविधा आंगनवाड़ी केन्द्रों में दी जाएगी। विलेज हेल्थ सैनिटेशन-डे पर पेयजल, स्वास्थ्य ग्राम विकास एवं महिला बाल विकास से सम्बन्धित अधिकारी एवं कर्मचारी एक स्थल पर एकत्र होकर आपसी समन्वय से उक्त समस्या का समाधान करेंगे। इस योजना को आन्दोलन के रूप चलाया जायेगा। इस योजना से ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया जायेगा।
बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि केन्द्र पोषित एवं राज्य योजना से सम्बन्धित सभी कार्य समय पर पूर्ण किये जाय और सटीक आंकडे दिए जाएं। बैठक में महिला सशक्तिकरण मिशन के स्थान पर महिला शक्ति केन्द्र के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण एवं पोषाहार से सम्बन्धित जानकारी देने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र पर गुड्डा-गुड्डी बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया। बैठक में प्रमुख सचिव, राधा रतूडी, निदेशक बाल विकास सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।