चारधाम यात्रा : 11 भाषाओं में एसओपी जारी, 50 जगह होगी तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच

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    सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार संकल्पित है। इस विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) 11 भाषाओं में जारी कर दी है। यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच 50 जगहों पर होगी।

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि बदरी-केदार में स्थित अस्पतालों के लिए उपकरणों की खरीद शुरू हो गई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती मेडिकल रिलीफ प्वाइंट में की जाएगी। इसके लिए अन्य राज्यों के डॉक्टर भी अपनी सेवाएं दे सकेंगे। इसके लिए यात्रा मार्गों पर जगह-जगह हेल्थ एटीएम स्थापित होने के साथ ही टेलीमेडिसिन की सुविधा मिलेगी।

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार यात्रा को सुगम व व्यवस्थित बनाने के लिए हरसंभव तरीके से प्रयासरत है। पर्यटन विभाग की वेबसाइट लाइव हो गई है। इसमें हेल्थ पैरामीटर का कॉलम रखा गया है, जिसमें यात्री अपनी हेल्थ से संबंधित पूरी जानकारी भरेंगे तो उन्हें जरूरत के समय इलाज में आसानी रहेगी।

    उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए एसओपी 11 भाषाओं में तैयार की गई है। तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए स्वास्थ्य विेभाग ने हिन्दी, अंग्रेजी के साथ गुजराती, मराठी, तेलगू समेत नौ स्थानीय भाषाओं में मानक प्रचलन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर बाहरी राज्यों को भेज दी है। उन्होंने अवगत कराया कि बाहरी राज्यों को एसओपी भेज दी गई है। जिससे दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं अपनी भाषाओं में स्वास्थ्य संबंधित दिशा-निदर्शों का पालन कर सकें।

    उन्होंने बताया कि इस बार तीर्थयात्रियों को यात्रा मार्ग पर पहले से बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। राज्य सरकार का विशेष फोकस बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर है। इन दोनों जगहों में स्थापित किये गये अस्पतालों के लिए उच्च गुणवत्तायुक्त उपकरणों की खरीद शुरू हो गई है। जल्द उपकरण अस्पतालों में पहुंच जायेंगे।

    तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाये गये हैं। इन स्क्रीनिंग प्वाइंट को पंजीकरण प्वाइंट के साथ ही रखा गया है। इसमें तीर्थयात्रियों की उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित 28 पैरामीटर की जांच की जायेगी। इसमें हंस फाउंडेशन की टीम भी मदद कर रही है।

    स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि चारधाम यात्रा में उत्तराखंड के अतिरिक्त अन्य राज्यों के भी डॉक्टर अपनी सेवायें देने को इच्छुक रहते हैं। इसलिए इस बार सभी स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखकर चारधाम यात्रा में कार्य करने को इच्छुक डॉक्टरों के संबंध में जानकारी मांगी गई है। इसके साथ ही राज्य की डॉक्टरों व अन्य मेडिकल स्टॉफ की तैनाती यात्रा शुरू होने से पूर्व हो जायेगी। डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टॉफ के साथ ही यहां पर आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती भी की जायेगी।

    इसके साथ ही मेडिकल रिलीफ प्वाइंट में दवाओं का स्टॉक, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य सामान सहित सभी जरूरी उपकरण मौजूद रहेंगे। प्रत्येक मेडिकल रिलीफ पोस्ट में चिकित्सकों के साथ ही लगभग आधा दर्जन प्रशिक्षित मेडिकल स्टॉफ तैनात किया गया है। वहीं सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की गई है।

    स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि यात्रा मार्गों पर हेल्थ एटीएम स्थापित होंगे। सभी जिलों के सीएमओ, सीएमएस को इस संबंध में निर्देशित कर दिया गया है। हेल्थ एटीएम में ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन, लंबाई, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा आदि की जांच की जाएगी। हेल्थ एटीएम में कार्य करने वाले तकनीकि स्टॉप को प्रशिक्षण दिया गया है।

    उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए टेलीमेडिसिन सेवा की भी सुविधा रखी गई है। स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परिस्थिति उत्पन्न होने पर यह यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा। इसके द्वारा किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति में 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह प्राप्त की जा सकती है, जिससे बीमारी का तुंरत उपचार शुरू हो सकेगा।

    तीर्थयात्रियों को महत्वपूर्ण सलाह-

    स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी में यात्रियों को सलाह दी कि कम से कम सात दिन के लिए चारधाम यात्रा की योजना बनाएं। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में पैदल चढ़ते समय प्रत्येक एक से दो घंटे के बाद 5 से 10 मिनट तक विश्राम करें। यात्रा के लिए गरम कपड़े, बारिश से बचाव के लिए रेनकोट, छाता, स्वास्थ्य जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर साथ में रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री जरूरी दवा और डॉक्टर का नंबर अपने पास रखें। यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, उल्टी आने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या मेडिकल रिलीफ में प्राथमिक उपचार लें।

    केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर विशेष फोकस –

    केदारनाथ यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग को विशेष फोकस है। विगत वर्ष यहां 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट के साथ ही दो पीएचसी सेंटर भी स्थापित किये गये थे। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर यात्रियों को हेल्थ एटीएम की सुविधा भी मिलेगी। विगत वर्ष की तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाटा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौरीकुंड और माधव चिकित्सालय नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम की स्थापना के निर्देश दिये गये हैं। डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था है।

    श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम –

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग पर ऐसे डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गयी है जो कि हृदय संबंधी रोगों के उपचार और निदान में पारंगत हों। उन्होंने कहा कि हम चारधाम यात्रा को पूरी तरह से सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पित हैं। यात्रा मार्गों पर मौजूद अस्पतालों में डाक्टर, स्टाफ, आक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की व्यवस्था की गयी है। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए गए हैं। इस बार किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने चारधाम यात्रा ड्यूटी में तैनात होने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों को पूर्ण सेवाभाव और मनोयोग से यात्रियों की स्वास्थ्य जांच और सहयोग करने की अपील की।