उत्तराखण्ड को पूर्ण साक्षर बनाने के लिए चलेगा विशेष अभियान

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मुख्यमंत्री रावत ने सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में सीएम घोषणाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घोषणा के क्रियान्वयन के हर स्तर के लिए टाईम फ्रेम तय किया जाए। जीरो बजट वाली घोषणाएं अविलम्ब पूरी हों। जिन मामलों में भूमि संबंधी दिक्कतें आ रही हैं, उनमें स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “ उत्तराखण्ड को पूर्ण साक्षर बनाने का काम केवल शिक्षा विभाग तक सीमित न रहे। इसमें स्कूल, काॅलेज के बच्चों सहित आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्रियों व अन्य लोगों का भी सहयोग लिया जा सकता है। प्रत्येक स्तर पर नोडल अधिकारी नामित कर उनकी जिम्मेवारी तय की जाए। “

गतिमान घोषणाओं की एक-एक करके समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, “सीएम घोषणाओं की प्रगति में सुधार हुआ है। इनमें और तेजी लाई जाए। सचिव स्तर से अपने-अपने विभागों से संबंधित घोषणाओं की नियमित माॅनिटरिंग की जाए। विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा-कक्षों के निर्माण में आधुनिक इंजिनियरिंग का उपयोग किया जाए। अतिरिक्त कक्षा-कक्षों को बनाने के लिए अतिरिक्त भूमि की बजाय मौजूदा भवन के प्रथम तल पर ही बनाए जाने की सम्भावना देख ली जाए।” 

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “हल्द्वानी में तहसील निर्माण में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। नागरिक उड्डयन विभाग प्रदेश में जहां भी हैलीपैड बनाए जा सकते हैं, आवश्यकतानुसार स्थान चिन्हित कर लें। खेल विभाग प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बनाए जाने वाले खेल स्टेडियमों की आवश्यक प्रक्रियाओं में तेजी लाए। मुनि की रेती में ईको पार्क की डीपीआर जल्द से जल्द तैयार कर ली जाए। सतपुली से दिल्ली बस सेवा को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। कोसी-बेराज क्षेत्र में साहसिक पर्यटन और मुन्स्यारी को पर्यटन डेस्टीनेशन व रांसी को पर्यटन ग्राम के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। यमुनोत्री में रोपवे निर्माण के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाए।”

कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि, “उत्तराखण्ड को जैविक राज्य बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। 3900 क्लस्टर चयनित किए जा चुके हैं। मुन्स्यारी को कृषि जैविक हब के रूप में विकसित करने के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। दारमा व व्यास घाटी में स्थानीय जैविक उत्पादों की खरीद के लिए संग्रहण केंद्र बनाया जाना है।”

उच्च शिक्षा विभाग ने बताया कि राज्य में स्थित काॅलेजों में ई-लाईबे्ररी स्थापित करने के लिए एक समिति बनाई गई थी जिसने कि अपनी रिपोर्ट दे दी है। 10 काॅलेजों में आवश्यक उपकरण दे दिए गए हैं। अन्य के लिए भी कार्यवही की जा रही है। विद्यालयी शिक्षा विभाग में विभिन्न इंटर काॅलेजों में अतिरिक्त कक्षा-कक्षों, प्रयोगशाला आदि के निर्माण के प्रस्ताव नाबार्ड से स्वीकृत हो गए हैं। जीआईसी गैरसैण में पे्रक्षागृह की वित्तीय स्वीकृति हो चुकी है। सैनिक स्कूल घोड़ाखाल को राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दी जाने वाली अनुदान राशि के लिए 5 करोड़ रूपए का प्राविधान कर दिया गया है।