स्पीड गवर्नर लगाएगा वाहनों की स्पीड पर लगाम

0
616

देहरादून। उत्तराखंड में अभी तक हुई वाहन दुर्घटनाओं में खराब सड़कों के साथ ओवर स्पीड भी जिम्मेदार रही है, लेकिन अब इस ओवर स्पीड पर लगाम लगने वाली है। इसके लिए परिवहन विभाग ने धरातल पर स्पीड गवर्नर लगाने की कवायद शुरू कर दी है। परिवहन विभाग ने राजधानी देहरादून में नौ कंपनियों को स्पीड गवर्नर लगाने के लिए अधिकृत किया है।
दरअसल, केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने हिमालयी क्षेत्र के राज्यों में व्यावसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने के निर्देश दिये थे। इसके बाद प्रदेश का परिवहन महकमा काफी लंबे समय से स्पीड गवर्नर लगाने के लिए कंपनियों से आवेदन मांग रहा था लेकन इसके लिए कोई तैयार नहीं हुआ। अब कई सालों बाद विभाग ने फिर से स्पीड गवर्नर लगाने के लिए कंपनियों से आवेदन मांगे। इसमें नौ कंपनियों को राजधानी में स्पीड गवर्नर लगाने के लिए अधिकृत किया गया है। ये कंपनियां अपने यहां गाड़ियों में स्पीड गवर्नर लगायेगी। इसके बाद वाहन मालिक गाड़ी लेकर आरटीओ कार्यालय जायेगा। जहां आरआई गाड़ी में लगी स्पीड गवर्नर की किट को देखकर उसकी फिटनेस पास करेगा। इसके लिए आरआई बकायदा आर स्कैनर ऐप से बारकोड को चेक करेगा जिसमें वाहन स्वामी और वाहन की पूरी जानकारी शामिल होगी।
क्या है स्पीड गवर्नर
आरटीओ कार्यालय में तैनात आरआई आलोक कुमार का कहना है कि स्पीड गवर्नर एक प्रकार की डिवाइस है जिससे वाहन में स्पीड फिक्स की जाती है। छोटी गाड़ियों में अधिकतम 80 और बड़ी गाड़ियों में 60 किमी प्रति घंटा स्पीड फिक्स करने की लिमिट है। जिस गाड़ी में स्पीड गवर्नर से स्पीड फिक्स की जाती है उसमें एक्सीलेटर देने पर भी गाड़ी की स्पीड ज्यादा नहीं होगी। इसके लिए डिवाइस का एक पाइप मीटर, दूसरा पंप और तीसरा गेयर में लगाया जाता है। बाजार में स्पीड गवर्नर 6 से 10 हजार के बीच उपलब्ध हैं। एआरटीओ प्रशासन व प्रवर्तन अरविंद पांडेय ने बताया कि कॉमर्शिलय व्हीकल में स्पीड गवर्नर लगाना जरूरी है। इसके लिए बकायदा केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने गाइड लाइन जारी की हुई है। परिवहन विभाग ने देहरादून में नौ कंपनियों को स्पीड गवर्नर लगाने के लिए अधिकृत किया गया है। स्पीड गवर्नर लगी गाड़ियों का निरीक्षण करने के बाद आरआई फिटनेस सर्टिफिकेट देते हैं।
सड़क हादसे में गई 942 लोगों की जान
उत्तराखंड में पिछले साल 2017 में करीब 1603 सड़क हादसे हुए हैं जिनमें 942 लोगों की मौत और 1631 लोग घायल हुए हैं। इनमें देहरादून 342 और ऊधमसिंह नगर में 362 सबसे अधिक सड़क हादसे हुए हैं। औसतन उत्तराखंड में प्रति दिन चार सड़क हादसे होते हैं।  जबकि अल्मोड़ा में सबसे कम 11 दुर्घटनाएं हुई है।