दो दिवसीय बसन्तोत्सव में प्रतियोगियों को राज्यपाल ने किया पुरस्कृत

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    राजभवन में आयोजित दो दिवसीय ‘बसन्तोत्सव, पुष्प प्रदर्शनी का रविवार को समापन हो गया। कृषि एवं उद्यान विभाग द्वारा आयोजित ‘बसन्तोत्सव/पुष्प प्रदर्शनी’ के माध्यम से प्रकृति, संस्कृति, तकनीक तथा हुनर के समागम द्वारा आगन्तुकों तथा पुष्प उत्पादकों को उत्साहित करने का प्रयास सफल रहा है।
    राज्यपाल डॉ.कृष्ण कांत पाल ने आज सायं पुष्प प्रतियोगिताओं, रंगोली तथा बच्चों की चित्र प्रतियोगिता, फोटो प्रतियोगिता आदि श्रेणियों के कुल 138 विजेताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया।(विस्तृत सूची संलग्न है।) इसके अतिरिक्त सभी जिलों से चयनित तीन-तीन पुष्पोत्पादकों को प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। टिकट प्रदर्शनी में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले छात्रों शोभित प्रियदर्शी, महक थापा और अभिति मिश्रा को राज्यपाल द्वारा क्रमशः पांच हजार, तीन हजार तथा दो हजार रूपये की नकद धनराशि देकर साम्मानित किया गया।
    बसन्तोत्सव समापन के अवसर पर विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित करने के बाद अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने पूरे विश्वास से कहा उत्तराखण्ड पुष्पभूमि के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल होगा क्योंकि यहाँ का पूरा वातावरण सभी प्रकार के फूलों की खेती के अनुकूल है। व्यावसायिक पुष्पोत्पादन के माध्यम से राज्य के आर्थिक विकास को बल मिलेगा और दूर-दराज के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
    उन्हांने कहा कि कुदरत के बेमिसाल रगों और खुशबू से सराबोर प्राकृतिक वैभव के इस उत्सव ने दो दिनों में प्रत्येक आगन्तुक के हृदय में एक नई उमंग, जोश और ताजगी का संचार निश्चित ही किया होगा। राज्यपाल ने कहा अब यह आयोजन केवल पुष्प प्रदर्शनी नहीं रही बल्कि पुष्प व्यवसाय से जुडे काश्तकारों, प्रकृति प्रेमियों, संगीत-नृत्य, लोक-कला, चित्रकला सहित अन्य हुनर से संपन्न तथा परम्पराओं से जुड़े लोगों के लिए यह एक विशेष अवसर बन गया है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन औद्यानिकी से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों, विचारों तथा तकनीक के आदान-प्रदान के साथ ही लोगों को आपस में मेलजोल बढ़ाने का भी अवसर है जिससे समाज में अच्छे वातावरण की उम्मीदें बनी रहती हैं। चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों की भारी संख्या में प्रतिभागिता से अभिभूत राज्यपाल ने कहा कि इस आयोजन ने सभी वर्ग के बच्चों विशेष रूप से अपवंचित वर्ग के बच्चों को उनकी कल्पनाशक्ति को, रंगों के माध्यम से अभिव्यक्त करने का मौका मिला है।
    राज्यपाल के विशेष दिशा-निर्देश से प्रेरित होकर इस वर्ष के आयोजन में कई नये आयाम जोड़े गये। जिनमें डाक टिकट संग्रहण करने वाले बच्चों के डाक टिकटों की प्रदर्शनी एवं सेलर्स एवं बायर्स मीट का आयोजन कराया गया। विभिन्न पुष्प व्यवसाय से जुड़े क्रेता-विक्रेताओं ने कई प्रकार की जानकारी साझा की जिसमें फूलों एवं सजावटी पौधों के उत्पादन से लेकर विपणन तक की समस्त गतिविधियों सहित इनकी मार्केटिंग को बढ़ाने पर विचार किया गया।
    राज्यपाल ने सभी विजेताओं, प्रतिभागियों, विशेषतः बच्चों तथा प्रदर्शनी के मुख्य आयोजक उद्यान विभाग, संस्कृति विभाग सहित सभी सहयोगी विभागों को इस महोत्सव के आयोजन तथा उसे सफल बनाने के लिए बधाई देते हुए निदेशक उद्यान डॉ0 वी.एस.नेगी सहित राजभवन परिसर के वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक श्री दीपक पुरोहित के प्रयासों की विशेष रूप से सराहना की।
    पुरस्कार वितरण समारोह में उद्यान विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों सहित राजभवन के अधिकारी तथा अनेक गणमान्य अतिथि, जनप्रतिनिधि तथा भारी संख्या प्रदर्शनी में आये दर्शक भी उपस्थित थे। पुरस्कार वितरण के पश्चात् राजभवन के प्रांगण में संस्कृति विभाग के सौजन्य से अनेक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।