देश में तीसरी कोरोना वैक्सीन रूस की स्पुतनिक-वी को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। दवा नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने स्पुतनिक-वी को पूरी तरह सुरक्षित और संक्रमण रोकने में कारगर पाए जाने के बाद इसे हरी झंडी दी। इससे पहले सोमवार को सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने स्पुतनिक को मंजूरी दी थी।
रूसी वैक्सीन परीक्षण में 91.6 फीसद कारगर पाई गई है। अब तक की सबसे प्रभावी इस वैक्सीन को 59 देशों में इजाजत मिल चुकी है। रूस की इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है। लांसेट पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन का कुल 19 हजार ,866 लोगों पर परीक्षण किया गया। इनमें 14 हजार,964 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी, जबकि 4 हजार,902 पर प्लेसबो (डमी) का इस्तेमाल किया गया था। सभी को 21 दिनों के अंतराल पर दो खुराक दी गई। इनमें कुल 78 लोग कोरोना संक्रमित हुए। 62 प्लेसबो वाले समूह से थे और 16 वैक्सीन वाले समूह से। इसी आधार पर वैक्सीन का प्रभाव तय किया गया।
भारत में डॉ रैड्डीज लैब इस वैक्सीन का निर्माण करेगा। डॉ. रेड्डीज के सहयोग से स्पुतनिक-वी ने भारत में 1 हजार,600 उम्मीदवारों पर 3 क्लिनिकल ट्रायल किए है। बता दें कि फिलहाल देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। ये वैक्सीन युद्धस्तर पर 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा रही हैं।