राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में बन रहे हैं नये स्टेडियम लेकिन बदहाली की मार झेल रहा है ये स्टेडियम

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स्पोर्ट्स स्मटेडियम गोपेश्वर रख-रखाव के अभाव में बदहाली की मार झेल रहा है। यहां नालियां बंद पड़ी हुई हैं। जिससे बारिश होने के बाद स्टेडियम तालाब में तब्दील हो रहा है। गोपेश्वर स्पोर्ट्स स्टेडियम में पूर्व में कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित होती थी।

वॉक रेस में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर चुका मनीष रावत भी इसी मैदान से खेला है। आज मैदान की स्थिति संरक्षण के अभाव में बदहाल बनी हुई है। इन दिनों थोड़ी सी बारिश से भी मैदान तालाब में तब्दील हो रहा है। वर्ष 2014 में खेल निदेशालय से स्टेडियम में 24 लाख रुपये की हरी घास बिछाने का कार्य भी किया गया। लेकिन यहां घास कई जगहों से गायब हो गई है। वर्ष 2007 में स्टेडियम का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया था, लेकिन अभी तक यहां सुधारीकरण कार्य भी शुरु नहीं हो पाया है।


वर्ष 2015 में तत्कालीन जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने नगर के गंदे पानी के ड्रेनेज के लिए स्टेडियम के चारों ओर भूमिगत नाली बनवाई। यह कार्य सिंचाई विभाग को दिया गया। लेकिन लाखों रुपये खर्च करने पर भी नाली निर्माण में भारी अनियमितता की गई।मौजूदा समय में नाली क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है। दो दुर्घटनाओं को न्यौता दे रही है। इधर, जिला खेल अधिकारी सुरेश चंद्र पांडे का कहना है कि नालियों की सफाई कर दी गई है। अत्यधिक बारिश होने पर ही स्टेडियम में पानी रुक रहा है। स्टेडियम के संरक्षण के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।