राज्य सरकार ने कोरोना को घोषित किया महामारी, और क्या उठाये हैं कदम, यहां जानिये

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कोरोना

भारत में धीरे धीरे कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारें इस पर काबू पाने के लिये कारगर उपाय करने में लगी है औऱ लोगों से भी जागरूकता और सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। वहीं, उत्तराखंड सरकार ने भी कोरोना वायरस से निपटने के लिये कमर कस ली है। राज्य सरकार ने

● कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये इस रोग को महामारी घोषित किया है।
● उत्तराखण्ड एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेग्यूलेशन एक्ट – 2020 को लागू किया गया है।
● सरकार के पास कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सभी प्रकार के अधिकार होंगे।
● सभी स्कूल, काॅलेज, सिनेमाघर को 31 मार्च 2020 तक बन्द रखा जाएगा। केवल मेडिकल काॅलेज ही खुले रहेंगे।
● एक जगह पर लोगों को जमा होने से रोका जाएगा। अवहेलना करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत 1 से 6 महीने की जेल का प्रावधान किया गया है।
● शासकीय मेडिकल काॅलेज में सृजित पदों के सापेक्ष 11 माह के लिए 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त पदों की स्वीकृति होगी।
● डॉक्टरों की अस्थाई भर्ती को मिली अनुमति।
● स्वास्थ्य विभाग में रिक्त नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की अनुमति होगी।
● आईसोलेशन वार्ड, आईसीयू तैयार, उपकरण, दवा आदि के लिए ₹50 करोड़ का फंड तैयार किया गया है।
● भविष्य में कोरोना की तीव्रता बढ़ने पर प्रीफेब्रिकेटेड 100 बेड का हाॅस्पिटल तैयार किया जाएगा।
● निजी भवन, चिकित्सा ईकाई भवन को जरूरत पड़ने पर अस्पताल बनाया जाएगा।
● आपात स्थिति से निपटने के लिए 140 विभागीय एम्बुलेंस को एलर्ट पर रखा गया है।
● बसों में सेनिटेशन (साफ-सफाई) के लिए निगम एवं प्राईवेट ऑपरेटर व्यवस्था करेंगे।
● 104 हेल्पलाईन नम्बर शुरू किया गया है।
● सभी होटल व्यवसायियों को एडवाईजरी जारी की गयी है।
● ग्राम सभाओं, आशा कार्यकत्रियों को भी अभियान में जोड़ा जाएगा।

अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार के पास इस बीमारी से निपटने के लिये उठाये जाने वाले कदमों से संबंधित सभी संसाधन मौजूद है। लेकिन, कोरोना वायरस से निपटने के लिये केवल सरकार की ही जिम्मेदारी नही है बल्कि एक बड़ी भूमिका आम नागरिकों की भी है। आसान सी सावधानियां बरत कर आप न केवल खुद को बल्कि अपने आस पास के लोगों को भी इस बीमारी से ग्रसित होने से बचा सकते हैं। ध्यान रहे, कोरोना से घबराने की नहीं, सावधानी की जरूरत है।