उत्तराखंड में शाहीनबाग दोहराने नहीं दिया जाएगा : त्रिवेंद्र 

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त्रिवेंद्र
उत्तराखंड में दिल्ली का शाहीनबाग दोहराने के प्रयास चल रहे हैं। इसका प्रमाण कुमाऊं का एक क्षेत्र है जहां इसी तरह का प्रयास किया गया। इस प्रयास में बाहरी लोगों ने मामले को तूल देने की कोशिश की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शासन-प्रशासन को सचेत रहने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री गुरुवार को कहा कि अब उत्तराखंड को भी अशांत करने की कोशिश चल रही है। इसका उदाहरण हल्द्वानी में देखा गया, जहां सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में ऐसे नारे लगे जो अच्छे नहीं माने जा सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इंटेलीजेंस एजेंसियों से इस तरह के इनपुट मिले हैं कि सीएए के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शनों में बाहरी लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जामिया और कश्मीर के लोग उत्तराखण्ड में घुसकर अगर माहौल खराब करने की कोशिश करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जायेगी। उनका कहना है कि राज्य के लोग अगर शांतिपूर्ण तरीके से किसी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करते हैं तो यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन अगर बाहर के अराजक तत्व राज्य में घुस कर अगर लोगों को भड़काने और उकसाने का प्रयास करते हैं तो इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनके पास पुख्ता जानकारी है कि जामिया और कश्मीर के कुछ छात्र तथा लोग इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वह उत्तराखण्ड को एक साफ्ट टारगेट समझने की भूल न करें।
उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों का हस्तक्षेप और प्रवेश कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि ऐसे अराजक तत्वों को चिन्हित किया जाये और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जायेगी, तथा शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जायेगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अराजकता फैलाने का एक षडयंत्र इस समय किया जा रहा है। सीएए और एनआरसी के विरोध की आड़ में पूरे देश में कुछ लोग अराजकता फैला रहे है। लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं होगें।
इस बाबत पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि इसके लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गयी है। इसलिए यह गैरकानूनी है। प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। गैरकानूनी काम की किसी को इजाजत नहीं दी जायेगी, जो कानून तोड़ेगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। उन्होने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर रोक नहीं है। अब तक धरने प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे है लेकिन अगर बाहर के लोग यहां आकर माहौल खराब करेंगे तो उन्हें बख्शा नहीं जायेगा।