देहरादून। श्रीनगर काशीपुर 400 केवी लाइन में हो रही देरी से राज्य को बड़ा वित्तीय नुकसान होने जा रहा है। प्रोजेक्ट में लापरवाही का आलम ये है कि 10 साल तक लाइन का सर्वे ही सही तरीके से नहीं हो पाया है। दो बार सर्वे हुए, दोनों बार फर्जीवाड़ा हुआ। इस फर्जीवाड़े के चलते जो काम एडीबी के बजट से तकरीबन फ्री होता, उसके लिए अब राज्य को 700 करोड़ का बजट जुटाना होगा।
इसके साथ ही श्रीनगर काशीपुर लाइन में यदि और देरी हुई, तो वो भविष्य में पिटकुल और राज्य के लिए एक बड़ा सिरदर्द साबित होगा। पिटकुल को एनटीपीसी के 530 मेगावाट के विष्णुगाड़ प्रोजेक्ट समेत कई दूसरे हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए लाइन तैयार करनी है। बिजली उत्पादन शुरू होने के बाद भी लाइन का काम पूरा नहीं हुआ, तो पिटकुल को सभी बिजली उत्पादक कंपनियों को भारी जुर्माना चुकाना होगा। जो पिटकुल समेत राज्य के लिए बड़ा आर्थिक झटका होगा। इन सभी प्रोजेक्ट से लाइट इसी 400 केवी लाइन के जरिए पहुंचनी है। ऐसे में इस लाइन के काम का और अधिक लटकना राज्य के लिए बड़ा नुकसान साबित होगा।
पीएमओ तक दे चुका है दखल
700 करोड़ के इस घपले में शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक हो चुकी है। पीएमओ से मुख्य सचिव को तत्काल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी किसी भी अफसर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
सवालों के घेरे में बहाली के आदेश
राज्य को वित्तीय व पॉवर सप्लाई सिस्टम के लिहाज से इतना बड़ा नुकसान पहुंचाने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई न होना व आरोपी अफसरों की बहाली सवालों के घेरे में है। ऐसे अफसर जिनकी बहाली की अपील को हाईकोर्ट तक खारिज कर चुका है, उन्हें भी शासन स्तर से बहाल कर दिया गया। प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए ही विस्तृत जांच कराई जा रही है। जांच सभी पहलुओं पर की जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए जांच समिति में तकनीकी, वित्तीय क्षेत्र के अफसरों को शामिल किया गया है। एक महीने में जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रणवीर सिंह चौहान, एमडी पिटकुल