देहारदून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में वीएस एनर्जी एंड हार्मोनिसशन एंड ऑटोमेशन प्रा.लि. के प्रबन्ध निदेशक पंकज कुमार ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष स्वदेशी एलईडी आधारित बल्ब, ट्यूबलाइट, झालर, स्ट्रीट लाइट, इमरजेंसी लाईट, टार्च आदि उपकरण बनाने से संबंधित प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव एवं सचिव ऊर्जा राधिका झा के समक्ष भी प्रस्तुतीकरण दिया गया।
मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में गढ़वाल क्षेत्र से थानो एवं कुमायुं क्षेत्र से कोटाबाग में 50-50 प्रशिक्षणार्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शीघ्र ही शुरू किए जाने के निर्देश दिए। वीएस इनर्जी लि. द्वारा 50 प्रशिक्षणार्थियों के समूह में, जिसमें महिला स्वयं सहायता समूहों से 40 महिलाएं एवं आईटीआई. से 10 पुरुष प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके परियोजना अंतर्गत प्रोडक्ट्स को तैयार किए जाने के लिए पांच दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, उत्पादित वस्तुओं की मार्केटिंग भी फर्म द्वारा की जाएगी। इस प्रशिक्षण के लिए फर्म द्वारा रुपये 1200 प्रति प्रशिक्षणार्थी की दर से धनराशि ली जाएगी, जिसका वहन उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन (यूकेएसडीएम) द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों एवं आईटीआई डिप्लोमा होल्डर्स को शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पायलट परियोजना की सफलता के बाद परियोजना के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत खपत में कमी लाने में एलईडी की बडी उपयोगिता है। राज्य सरकार द्वारा सरकारी व अर्द्धसरकारी विभागों में एलईडी बल्बों का प्रयोग अनिवार्य किया गया है एवं इसके वितरण के लिये महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए छोटे शहरों में महिला स्वयं सहायता समूहों एवं न्याय पंचायतों पर इन उपकरणों को बनाने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सभी 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित करना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। इससे न्याय पंचायतों में महिलाओं एवं युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस परियोजना के प्रथम चरण में स्वयं सहायता समूहों को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं द्वितीय चरण में आई0टी0आई0 डिप्लोमा प्राप्त छात्र-छात्राओं के समूह को प्रशिक्षण देने के उपरान्त इन संस्थानों में प्रोडक्शन यूनिट स्थापित की जाएगी। इस अवसर पर ऊर्जा सचिव राधिका झा एवं मुख्य योजना अधिकारी उरेडा, एके त्यागी एवं वीएस इनर्जी के विनय कुमार भी उपस्थित थे।