पहाड़ के पढ़े लिखे जो युवा रोजगार के लिए देश के अलग- अलग हिस्सों में विभिन्न होटलों तथा दूसरे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने गए थे, वे इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उत्तरकाशी के युवक कोरोना के बाद घोषित लाॅक डाउन के बाद सोमवार तड़के ऋषिकेश- देहरादून पहुंचे थे। राज्य में लाॅक डाउन के चलते सभी तरह के वाहनों की आवाजाही बंद होने तथा वहां पर होटल व अन्य संस्थान बंद होने पर ये फंस गए। ऐसे में उत्तरकाशी जिले के इन 12 युवकों के सामने उत्तरकाशी तक पहुंचने की चुनौती थी लेकिन विधायक की पहल पर इनकी समस्या हल हो गई।
सोमवार सुबह गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत को ऋषिकेश पहुंचे इन युवाओं के बारे में जानकारी मिली तो विधायक ने युवकों से फोन पर बातकर सभी को एम्स ऋषिकेश में जरूरी जांच करवाने के लिए कहा। एम्स में जांच के बाद कोरोना न होने की पुष्टि के बाद अब युवकों के सामने उत्तरकाशी में अपने घर तक लौटने की चुनौती थी। जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव ने ऋषिकेश में फंसे उत्तरकाशी के युवकों को सकुशल उत्तरकाशी तक पहुंचाने की व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए। दोपहर बाद एसडीएम ऋषिकेश ने इन सभी 12 युवकों को उत्तरकाशी के लिए एक बस से रवाना किया।
रोजी रोटी की तलाश में मैदानी शहरों में गये इन युवकों के सामने कोरोना के चलते घोषित बंदी के बाद घर लौटने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं था। तमाम दुश्वारियों को झेलते हुए ये युवक किसी तरह ऋषिकेश पहुंचे थे, जहां से अब उत्तरकाशी के लिए रवाना हो चुके हैं। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से 31 मार्च तक पूरी तरह से लाॅक डाउन की घोषणा की गई है। युवकों में शामिल सौरभ रावत, राजा, सत्येंद्र सिंह बताते हैं कि वह महाराष्ट्र के पुणे में काम करते थे। कोरोना के चलते हुई बंदी के बाद घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था परन्तु दिल्ली पहुंचे तो न तो परिवहन के साधन उपलब्ध थे न ही खाने पीने की दुकानें खुली थी। ये युवक बताते हैं कि वह पूरी स्वास्थ्य जांच के बाद ही गांव जाएंगे और वे नहीं चाहते हैं कि उनकी वजह से किसी और की सुरक्षा खतरे में पड़े।