दुष्कर्म के आरोपियों सहित कालेज प्रबंधन को कठोर सजा।

0
771

साल 2018 में राजधानी देहरादून के एक प्रसिद्ध बोर्डिंग स्कूल में एक बड़ा मामला सामने आया था। जीआरडी बोर्डिंग स्कूल में एक नाबालिक से सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया था जिसमे उसी कालेज के कुछ छात्रों द्वारा एक नाबालिक से गैंग रेप के मामले में आज राजधानी की पॉक्सो अदालत ने आरोपियों को सजा सुना दी।

आरोपी छात्र सरबजीत 376(d) सामूहिक दुष्कर्म का दोषी देकर पॉक्सो कोर्ट ने दी 20 साल की सजा, नाबालिग 3 छात्रों को तीन-तीन साल की सज़ा व अन्य आरोपी प्रिसिंपल जितेंद्र शर्मा को तीन साल की सजा औऱ स्कूल निदेशक लता गुप्ता, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, दीपक उसकी पत्नी तनु को अलग-अलग धाराओं में पॉक्सो कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सभी को 9 -9 साल की सजा सुनाई गई।

स्कूल प्रबंधन को साक्ष्य छुपाने, षड्यंत्र और गर्भपात कराने में दोषी करार दिया 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया । राजधानी देहरादून के चर्चित बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप प्रकरण में आज पोक्सो कोर्ट ने आरोपी छात्र सरबजीत 376(डी) सामूहिक दुष्कर्म का दोषी करार कर दिया है। वहीं, स्कूल की निदेशक लता गुप्ता, प्रिसिंपल जितेंद्र शर्मा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दीपक, उसकी पत्नी तनु भी अलग-अलग धाराओं में दोषी करार हुए हैं। इन सभी पर साक्ष्य छिपाने, षड्यंत्र रचने और छात्रा का गर्भपात कराने का आरोप था। आरोपी आया मंजू को बरी कर दिया गया है। वहीं कोर्ट ने इस मामले में आरोपी तीनों नाबालिग छात्रों को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। इन तीनों को पिछले साल किशोर न्याय बोर्ड ने बरी कर दिया था। आज पोक्सो कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद तीन दिन के भीतर तीनों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत होने के आदेश दिए है।

सितंबर 2018 में सहसपुर क्षेत्र के एक बोर्डिंग स्कूल में छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। घटना 14 अगस्त 2018 की बताई गई थी। आरोप था कि उसके चार सहपाठी और सीनियर छात्र ने उससे दुष्कर्म किया और फिर स्कूल प्रबंधन ने उसका गर्भपात भी कराया, मामले को उसके घरवालों से भी छिपा कर रखा गया। घटना का खुलासा होते ही पुलिस ने तीन नाबालिग आरोपियों को पकड़कर एक बालिग छात्र को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद आपराधिक साजिश और गर्भपात कराने के मामले में डायरेक्टर समेत प्रबंधन के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था।स्कूल प्रशासन ने इस मामले को दबाने के लिए हर हथकंडा अपनाया। पुलिस ने जांच करते हुए महज 24 घंटे में ही चारों छात्रों को हिरासत में लेकर स्कूल की निदेशक, प्रिंसिपल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, उसकी पत्नी व आया को गिरफ्तार कर लिया था।