गोपेश्वर। इंडिया फाउडेशन के निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल ने कहा कि देश की सरहदें यदि मजबूत रहेंगी तो राष्ट्र मजबूत होगा। उन्होंने चमोली जनपद को पिछड़ा नहीं बल्कि देश के अग्रणी जिलों में जाना चाहिए, क्योंकि चीन से लगी सीमा पर यहां के लोग ही द्वितीय रक्षा पंक्ति के रूप में आगे रहते हैं, इसलिए यह जनपद देश का सिरमौर है।
गोपेश्वर के इंजीनियरिंग काॅलेज में आयोजित पहाड़ व पलायन विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए डोभाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना है कि देश के सरहदी इलाके आर्थिकी और हर दृष्टि से मजबूत होने चाहिए। निराशा का भाव कभी भी प्रगति नहीं दिला सकता है। जीवन में, समाज में कुछ करना है तो सकारात्मक भाव व सोच रखनी जरूरी है। प्रधानमंत्री भारत को दुनिया का सबसे विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं। हम सब को मिलकर देश में ऐसा वातावरण बनाना चाहिए कि देश की प्रगति में सबकी भागेदारी हो।
पलायन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहाड़ के गांव, नगरों में रोजगार के संसाधन यदि पैदा होंगे तो न सिर्फ पलायन रुकेगा, बल्कि यहां के घरगांव छोड़ चुके लोग फिर वापस आयेंगे। बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि इंग्लैंड और अमेरिका में प्रतिष्ठित कंपनियों को छोड़कर अपने देश में कुछ करने के इरादे से शौर्य जिस गति से काम कर रहे हैं प्रधानमंत्री ने भी इसे स्वीकारा है। नगरपालिका अध्यक्ष संदीप रावत ने इस अवसर पर साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में शौर्य को सुझाव दिया कि वे प्रधानमंत्री के सम्मुख योजनाऐं रखें।