(देहरादून) उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का विवादों से नाता टूटने का नाम नहीं ले रहा है। नियुक्ति, परीक्षा और सुविधा व संसाधनों पर हुए विवाद के बाद अब नया विवाद पीपीपी मोड पर चलने वाले हॉस्टल व कैंटीन से जुड़ा है। छात्रों का आरोप है कि संबंधित हॉस्टल और कैंटीन में गुणवत्ता का अनदेखा किया जाता रहा है। इतना ही नहीं छात्रों ने खाने में कीड़े मिलने तक का आरोप लगाया है।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला परिसर में पीपीपी मोड पर संचालित हास्टल व कैंटीन को लेकर छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है। छात्रों ने न सिर्फ खाने की गुणवत्ता बल्कि हास्टल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर भी आरोप लगाए हैं। छात्रों ने इसकी शिकायत कुलसचिव से भी की है। उनका कहना है कि जो खाना उन्हें परोसा जा रहा है वह निम्न गुणवत्ता का है। यहां तक की इसे लेकर गंभीर आरोप भी उन्होंने लगाए हैं। छात्रों का कहना है कि खाने में कीड़े पाए गए हैं। छात्रों ने इसकी भी शिकायत कुलसचिव से की है। इसके अलावा गर्ल्स हास्टल में पुरुष वार्डन रखने का विरोध करते हुए छात्रों ने तुरंत महिला वॉडर्न रखे जाने की मांग की। छात्रों ने कहा कि विवि प्रशासन अपनी मनमानी पर उतारु है। इतना ही नहीं डात्रों ने कहा कि यदि वे हास्टल छोड़ना चाहें तो वह भी नहीं करने दिया जा रहा। उनपर जबरन हॉस्टल में रहने का दबाव बनाया जा रहा है। छात्रों ने अन्य मांगों के साथ ही हॉस्टल में गंदगी आदि को लेकर भी जल्द ठोस कदम उठाए जाने की बात कही। मामले में कुलसचिव डॉ. राजेश अधाना का कहना है कि छात्र उनसे इस मुद्दे पर मिले थे। इस मामले में परिसर निदेशक से रिपोर्ट मांगी गई है। खामियां मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट में सही पाई गई छात्रों शिकायतें
मामले में परिसर निदेशक ने रिपोर्ट कुलसचिव को सौंप दी है जिसमे छात्र छात्राओं की बातें सत्य पाई गई है। छात्र छात्राओं ने कैंटीन के खाने में मिले कॉकरोच का फोटो भी कुलसचिव को दिखाया है साथ ही हॉस्टल में गंदगी के अंबार का चित्र भी। पीपीपी मोड वाली कम्पनी का कोऑर्डिनेटर ने जवाबतलब करने पर विश्विद्यालय को गोलमोल जवाब दिया है कि हमने पैरेंट्स को मौखिक बता दिया था कि फीस पूरे साल की लगेगी जबकि छात्र छात्राएं हॉस्टल छोड़ना चाहते हैं। हालांकि पीपीपी मोड की कम्पनी से जब इस सम्बन्ध में एग्रीमेंट की कापी विश्विद्यालय ने मांगी तो पीपीपी मोड की कम्पनी ऐसा कोई एग्रीमेंट नही दिखा पाई अब विश्विद्यालय प्रशासन मामले में अन्य पहलुओं पर जांच के बाद कठोर कार्रवाई करने की बात कह रहा है।