मिसालः पलायन रोकने के लिए बच्चों ने बढ़ाए हाथ

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(पौड़ी) उत्तराखंड राज्य जहां पलयान की मार से परेशान हैं वहीं कुछ लोग पलायन को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं।पौड़ी और अल्मोड़ा राज्य के दो ऐसे ज़िले हैं जहां सबसे ज्यादा पलयान हुआ है।बीते दिसंबर में सूने पड़े गांवों को बसाने के लिेये विदेशियों ने अपने हाथ आगे बढ़ाएं थे। इंटनेशनल राउंड स्काव्यर क्मयूनिटी नाम की संस्था ने पौड़ी के डूंगरी गांव में एक कम्यूनिटी हॉल बनाकर गांव को दोबारा बसाने की अनूठी मिसाल पेश की थी।

इसी कोशिश को और आगे बढ़ाते हुए दून स्कूल, देहरादून के सौजन्य से रिजनल राउंड स्काव्यर सर्विस प्रोजेक्ट में देश के 8 स्कूल के 56 बच्चों ने डूंगरी कम्यूनिटी हॉल को और बेहतर बनाने में अपना योगदान देने की ठानी है। बीते मंगलवार को पौड़ी के डूंगड़ी गांव में देश के कोने-कोने से बच्चे पहुंचे और यह सभी अपनी मर्जी से इस प्रोजक्ट में योगदान दे रहे हैं।

 

इस प्रोजेक्ट में कुल 62 लोग अपना योगदान दे रहे हैं, जिसमें 56 स्टूडेंट है जो क्लास सातवीं से लेकर नौवीं में पढ़ते है, कुछ टीचर और दो ट्रेनर हैं।इस प्रोजेक्ट के बारे में और बताते हुए दून स्कूल के टीचर कुमार गौतम ने बताया कि, “दून स्कूल,देहरादून के सौजन्य से रिजनल राउंड स्काव्यर सर्विस प्रोजेक्ट में सभी बच्चे ड़ूगरी कम्यूनिटी हॉल में टॉयलेट से लेकर,कम्यूनिटी हॉल की दिवारें बनाने में लगे हुए हैं।इसमें बच्चे सीमेंटिंग,लेवलिंग,ईंट ढ़ोने से लेकर हर तरह का काम कर रहे हैं।इसके अलावा यह बच्चें गांव में लोगों से मिलकर उन्हें एलईडी बल्ब बनाने की प्रक्रिया के बारे में बता रहे जिससे गांव वाले एलईडी बनाकर अपने लिए रोज़गार पैदा कर सकें।” गौतम ने कहा कि, “हमारी कोशिश है कि हम गांव के कुछ लोगों को एलईडी बनाने की ट्रेनिंग दे सके जिससे उन्हें गांव छोड़ कर बाहर ना जाना पड़े इससे पलयान रुकेगा और गांव के और लोग भी इस काम को रोजगार की तरह इस्तेमाल कर सकेंगें। उन्होंने कहा कि, “हमने बहुत सी सरकारी एजेंसी से बात कि है जो गांव वालों द्वारा बनाए गए एलईडी बल्ब सीधे उनसे खरीदेंगे और उसका मुनाफा सीधे गांव वालों को मिल सकेगा। बच्चे यहां सुबह योगा से कर रहे उसके बाद अलग-अलग ग्रुप में गांव मे लोगों से मिल रहे,दूसरी तरफ कुछ बच्चे गांव वालों को एलईडी बनाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं।”

रिजनल राउंड स्काव्यर सर्विस प्रोजेक्ट में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाने वाले मनीष जोशी ने बताया कि, “इन बच्चों द्वारा डूंगरी कम्यूनिटी हॉल बनाने में सहयोग के साथ-साथ पौधारोपण भी किया जाएगा।” इन बच्चों के रुकने की व्यवस्था मनीष जोशी के ‘गरुण एडवेंचर कैंप’ में की गई है जहां बच्चों के खाने-पीने से लेकर हर तरह की सुविधा दी जा रही है।मनीष ने कहा कि, “बच्चें अभी कम्यूनिटी सेंटर के ग्राउंड फ्लोर,प्रोटेक्शन वॉल और टॉयलट बनाने में मदद कर रहे हैं।इसके अलावा कम्यूनिटी सेंटर के अंदर कमरें भी बनाए जा रहे हैं। बच्चें एलईडी बल्ब बनाकर गांव में बांट रहे जिससे गांव वालों को इसके इस्तेमाल के बारे में पता चले और इस बल्ब की खास बात है कि यह रिपेयर भी हो सकते हैं।”

दून स्कूल के अंबिकेश शुक्ला ने कहा कि, “इन बच्चों में बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो पहली बार गांव गए हैं जिनके लिए यह एक अलग और अच्छा एक्सपोज़र है।गांववालों से मिलने के दौरान बच्चे उनसे उनकी जरुरतों के बारे में पूछ रहे और उनसे यह भी जानकारी ले रहे की किस तरीके से इस कम्यूनिटी सेंटर को उनके लिए औऱ उपयोगी बनाया जा सकता है।” 

इस प्रोजेक्ट के लिए सभी छात्रों और दून स्कूलों द्वारा पैसे इकट्ठा किए गए हैं और अपनी सेवाओं से बच्चे इस कम्यूनिटी सेंटर को गांव वालों के लिए बेहतर बना रहे हैं।अंबिकेश ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चों को सेवा का महत्व समझ आएगा जो उनके लिए बहुत जरुरी है।