देहरादून, बंगाली नाटक ‘नासिका पुराण’ की प्रस्तुति के साथ देहरादून में 1 सप्ताह से 21वें भारत रंग महोत्सव के समानांतर चल रहे नाट्य महोत्सव का सफल समापन संपन्न हुआ।
यह नाट्य महोत्सव ‘राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय’ नई दिल्ली और संस्कृति विभाग, उत्तराखंड शासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
महोत्सव के दौरान दर्शकों को अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता के नाटकों को देखने, जानने, समझने व रिहर्सल से मंच तक पहुंचने की प्रक्रिया पर चर्चा करने का अवसर मिला। नाटक से पहले ऑडिटोरियम के बाहर प्रांगण में राज्य की लोक-कलाओं से संबंधित कार्यक्रम रोज प्रस्तुत किए गए जिनमें पांडव नृत्य, महासू वंदना, नाटी, तांदी, बाजूबंद, 52 गढ़ आदि लोक नृत्य व गायन प्रस्तुत किए गए।
नाटक के समापन के बाद दर्शकों से बातचीत के लिए प्रतिदिन ‘मीट द डायरेक्टर’ कार्यक्रम में स्थानीय रंगकर्मियों व दर्शकों के सवाल-जवाब का सत्र हर समूह के निर्देशक व कलाकारों से किया गया जिसका संचालन सुप्रसिद्ध रंगकर्मी श्रीश डोभाल और महोत्सव के प्रभारी डॉ सुवर्ण रावत ने किया। डॉ सुमन रावत ने कहा कि इस नाट्य महोत्सव की पूरी संरचना इस तरह की रही है कि राज्य से आए दर्शकों के रंगकर्मियों व कलाकारों को अपने राज्य की संस्कृति और लोक-कलाओं को करीब से जानने का अवसर मिला और साथ ही अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियों और बातचीत के सत्रों से रंगकर्म से जुड़े लोगों को निश्चित तौर पर दिशा मिलेगी और राज्य के रंगकर्म का स्तर बेहतरी की तरफ बढ़ेगा।
महोत्सव के द्वारा हमारे दर्शकों को कई मुख्य संदेश भी मिले। जैसे- नाटक का ठीक दिए हुए समय पर होना, नाट्य प्रदर्शन के दौरान दर्शकों की आपसी बातचीत, मोबाइल आदि का प्रयोग, अनावश्यक चहल कदमी जैसे व्यवधान ना हो, इसका भी पूरा ध्यान रखा गया। उन्होंने कहा इन चीजों का रंगकर्म में सख्ती से ध्यान रखा जाए तभी हम एक गंभीर रंगकर्म की दिशा में बढ़ सकते हैं।
महोत्सव के समापन पर मुख्य अतिथि के तौर पर संस्कृति व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दर्शकों को संबोधित किया। महोत्सव के दौरान अपने नाटकों के साथ उपस्थित हुए देश-विदेश के निर्देशकों को राज्य के प्रसिद्ध रंगकर्मियों डी आर पुरोहित, एस पी ममगई, अविनंदा जी, अतुल बिश्नोई, ज्योतिष घिल्डियाल, रौशन धस्माना, प्रसिद्ध साहित्यकार सुशील शर्मा, महावीर रवाँल्टा और दूरदर्शन निदेशक सुभाष चंद्र थलेड़ी ने सम्मानित किया।
इस महोत्सव को संपन्न करने में डॉक्टर सुवर्ण रावत के साथ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कमल काला, राजेश सिंह, पंकज ध्यानी, सोमाली बिष्ट, रोहित त्रिपाठी, विजय राजवंशी के साथ स्थानीय संस्थाओं ड्रामेटिक इंडिया से अभिनव गोयल, पंकज चौहान, पंचम वेद से अनुराग वर्मा, नीतीश नंदकिशोर, इमोशंस एंड थियेटर से योगेश सोमी भट्ट, कला मंच से मिताली पुनेठा, शैलनट से सूरज नेगी, नंदा फाउंडेशन से अभिषेक डोभाल आदि रंगकर्मी शामिल रहे।