नैनीताल : सूखाताल के दिन बहुरेंगे, सामने आया मास्टरप्लान

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नैनीताल
नैनीताल की प्रमुख नैनी झील को वैज्ञानिक शोधों के अनुसार सर्वाधिक 70 फीसद प्राकृतिक भूजल उपलब्ध कराने के बावजूद वर्ष के अधिकांश माह सूखी रहने के कारण सूखाताल कही जाने वाली झील के दिन अब बहुरने जा रहे हैं। नैनीताल की झील के रिचार्ज जोन सूखाताल को पुनर्जीवित करने के लिए सरकारी कार्ययोजना तैयार है। अतिक्रमण के साथ ही निर्माण सामग्री के मलबे से पटी सूखाताल झील में बरसात में तक पानी नहीं रुक रहा। जहां कभी झील में नाव चलती रहीं, फिलहाल क्रिकेट टूर्नामेंट हो रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार सूखाताल झील पर ही नैनी झील का अस्तित्व टिका है। हालिया सालों में सूखाताल को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही थी।

27 फरवरी को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने 27 करोड़ रुपये की सूखाताल पुर्नजीवन योजना का शुभारंभ किया है। अब करीब एक सप्ताह बाद ही रविवार को स्थानीय विधायक संजीव आर्य ने सूखाताल झील के प्रस्तावित चित्र जारी किए हैं, जिनमें सूखाताल झील काफी सुंदर नजर आ रही है।
विधायक आर्य ने कहा है, “वो ताल ही क्या जो सूखाताल कहलाये। सूखाताल को पानी से भरे प्राकृतिक ताल के रूप में बदलते हुए इसके जीर्णोद्धार के कार्य किए जाएंगे। साथ ही यहां पाथ वे, एक्सलेटर, लिफ्ट, ओपन एयर थियेटर तथा हाट व क्राफ्ट सेंटर का निर्माण कर सूखाताल का कायाकल्प किया जाएगा। सूखाताल नैनीताल के पर्यटन का नये केंद्र के रूप में विकसित होगा। सूखाताल अब सूखा ताल नहीं रहेगा बल्कि यह नई सुविधाओं युक्त पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा।”
गौरतलब है कि लंबे समय से झील को लेकर पर्यावरणविद और आम लोगों में चिंत्ता व्यापत थी। नैनीताल की पहचान सरोवर नगरी के नाम से है और इस झील का आनंद उठाने बड़ी संख्या में सैलानी हर साल यहां आते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से झील में पानी का स्तर ऐसा हो गया था कि इसके जीवित रहने पर ही सवाल खड़े होने लगे थे। ऐसे में सरकार की यह कोशिश झील के अस्तित्व को बचाने में कारगर साबित हो सकती है।