शनिवार की शाम देहरादून के वर्ल्ड इंटीग्रेशन सेंटर यानि की डब्लू.आई.सी के लिए खास रहा।शनिवार को डब्लू.आई.सी मे सुपर-30 आनंद कुमार के साथ एक ईवेंट का आयोजन किया गया, इस आयोजन में दून के स्कूल के बच्चों के साथ-साथ दून के एनआईवीएच के बच्चों ने भी भाग लिया। इस कार्यक्रम में आनंद कुमार ने बच्चों के साथ अपने अनुभव बांटे और उन्हें कुछ टिप्स भी दिए।
आपको बतादें कि आनंद कुमार को सुपर-30 के नाम से जाना जाता है और वह पटना में हर साल 30 बच्चों को आईआईटी और जेईई की तैयारी करवाते हैं जिसमें से 25-26 बच्चों का आईआईटी में सेलेक्शन होना पक्का है, कई बार तो पूरे तीस बच्चों का सेलेक्शन भी होता है। इस कार्यक्रम में आनंद कुमार ने ऐसी ही कुछ सफल कहानियों को लोगों के साथ बांटा और सभी को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। आनंद कुमार पटना के एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं और उन्होंने अपने जीवन में बहुत सी कठिनाईयों का सामना किया है लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी। आनंद कुमार के पिता पोस्ट ऑफिस में कार्यरत थे और मां हाउस मेकर हैं। बचपन से ही पढ़ाई और खासकर गणित में रुचि रखने वाले आनंद कुमार ने बहुत पहले ही अपनी राह चुन ली थी और जब वह ग्रेजुएशन कर रहे थे तभी उनके बहुत से रिर्सच पेपर पब्लिश हो गए थे जिसकी वजह से उन्हें क्रैंब्रिज यूनिर्वसिटी से मास्टर की उपाधि लेने का ऑफर मिला, लेकिन उस समय आर्थिक रुप से कमज़ोर होने की वजह उन्हें यह मौका गवाना पड़ा।
समय के साथ चीजें बदली और उन्होंने बहुत जल्दी समझ लिया की उन्होंन शिक्षक बनना है और एक छोटे से कोचिंग सेंटर से अपनी शुरुआत की। देखते ही देखते आनंद के पास हजारों बच्चों ने लाइन लगा दी और आनंद की वाहवाही दूर-दूर तक होने लगी।समय के साथ आनंद ने फैसला किया कि वह हर साल 30 बेहतरीन बच्चों को आईआईटी के लिए तैयार करेंगे और फिर साल 2001 से उन्होंने सुपर-30 नाम से शुरुआत की। इस काम में उनकी पत्नी जो खुद आईआईटी से पढ़ी हुई हैं वह भी आनंद का पूरा साथ देती हैं और हर साल आनंद अपने घर में बच्चों को रखकर आईआईटी के लिए तैयार करते हैं।
गौरतलब है कि अब तक 450 बच्चों में 396 बच्चों ने आईआईटी परीक्षा पास की है।आनंद कुमार से यह पूछे जाने पर की किस तरह वह इन बच्चों को तैयार करते हैं इसपर उन्होने कहा कि, “हम उन बच्चों को मौका देते हैं जिनमे प्रतिभा है लेकिन उनके पास कोई साधन नहीं।हर साल एक टेस्ट के जरिए सुपर-30 के तीस बच्चों का सेलेक्शन किया जाता है और उन बच्चो को आगे के लिए तैयार किया जाता है।” आपको बतादें कि 4 बार ऐसा भी हुआ है जब सुपर-30 के तीसों बच्चे आईआईटी की परीक्षा क्लियर कर चुके हैं।सुपर-30 की खास बात है कि आनंद किसी से किसी तरह का डोनेशन नहीं लेते और बच्चों को तैयार करते हैं हालांकि उन्हें बड़े-बड़े लोगों ने बहुत से ऑफर जरुर दिए हैं लेकिन आनंद सुपर-30 में किसी की मदद नहीं लेते।
आनंद ने बताया कि, “सुपर-30 को चलाने के लिए बहुत सी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा दो बार जानलेवा हमले बी हुए लेकिन सुपर-30 अभी भी आईआईटी को बच्चे दे रहा है।उन्होंने कहा कि जानलेवा हमले की वजह से पिछले 12 सालों से मेरे साथ दो कमांडो रहते हैं जिससे मेरी सुरक्षा की जा सके।”
अपनी जिंदगी पर बनने वाली सुपर-30 फिल्म के बारे में बात करते हुए आनंद ने बताया कि, “इस फिल्म को बनाने के लिए अक्षय कुमार,राज कुमार हिरानी से लेकर कई लोगों ने मुझसे बात की लेकिन ऋतिक रौशन मुझे एक ऐसे कलाकार लगे जिनके अंदर अपने काम को लेकर जूनुन मुझे दिखाई दिया। “जनवरी 2019 में आने वाली फिल्म सुपर-30 के मुख्य किरदार में ऋतिक रौशन दिखाई देंगे लेकिन आनंद का मानना है कि सबसे बड़ी चुनौती ऋतिक के लिए यहीं है कि वह किस तरह से खुद को आनंद कुमार के कैरेक्टर में ढ़ालते हैं। उन्होंने कहा कि, “मैं खुद इस फिल्म को लेकर उत्सुक हूं कि किस तरह से बैंग-बैंग का यह हीरो आनंद कुमार बनता है।
आखिरी में आनंद कुमार ने सभी पढ़ने वाले बच्चों के लिए टिप्स दिएः
- प्रबल प्यास (Tremendous Thirst)
- सकारात्मक सोच (Positive thinking)
- अथक प्रयास (Continuous Hardwork)
- असीम धैर्य (Great Patience)
आनंद कुमार ने कहा जो भी बच्चा जीवन में सफलता पाना चाहता हैंं वह जीवन में इन मंत्रों पर काम करे सफलता उनके कदम चूमेंगी।