सुप्रीम कोर्ट, सेंसर बोर्ड से पद्मावती को समर्थन

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सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी फिल्म पद्मावती के समर्थन में आगे आए हैं। प्रसून जोशी से इस फिल्म के साथ जारी विवादों के बीच कहा है कि दुर्भाग्य से अभिव्यक्ति की आजादी को निशाना बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि सेंसर बोर्ड इस फिल्म को लेकर अपना काम करेगा, लेकिन एक गीतकार और सालों से फिल्म इंडस्ट्री के साथ काम करने के बाद इस परेशानी को समझा जा सकता है। उनका कहना है कि सेंसर बोर्ड में फिल्म के आने का इंतजार करना चाहिए।

प्रसून जोशी के मुताबिक, बोर्ड नियमानुसार इस फिल्म को देखकर कोई फैसला करेगा, लेकिन इससे पहले ही विरोध का कोई आधार नहीं बनता। उनका कहना है कि सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारी समझता है और इस फिल्म को लेकर भी अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिल्म अभी तक सेंसर बोर्ड में भी नहीं गई है और सेंसर बोर्ड का फैसला आने से पहले बैन करने की मांग आधारहीन है। राजपूत संगठन संजय लीला भंसाली की इस फिल्म का ये कहकर विरोध कर रहे हैं कि फिल्म में पद्मावती और आक्रामण करने वाले अलाउद्दीन के बीच रिश्तों को दिखाकर महारानी पद्मावती का अपमान किया गया है और राजपूत समाज की भावनाओं को ठेस पंहुचाई गई है।

उधर, भंसाली ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो संदेश में फिर से साफ किया है कि फिल्म में पद्मावती और अलाउद्दीन के बीच ऐसा कुछ नहीं है, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पंहुचे।