नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर नौ नवम्बर यानि के आज फैसला सुनाएगा। पिछले 16 अक्टूबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। नौ नवम्बर को शनिवार है और ऐसा पहली बार है कि कोई फैसला शनिवार को सुनाया जाएगा। आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार से शुक्रवार तक सुनवाई करता है, या फैसले सुनाता है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में बुलाकर बैठक की थी। इस मामले पर 40 दिनों तक सुनवाई हुई। सुनवाई छह अगस्त से रोजाना हो रही थी।
चीफ जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच में जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। सभी जनपदों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। रामनगरी अयोध्या में फैसले को लेकर कदम-कदम पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। इसके अलावा मथुरा और काशी समेत सभी संवेदनशील जनपदों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान और प्रशिक्षण केंद्रों को 9 से 11 नवंबर तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच अयोध्याा विवाद पर शनिवार को फैसला सुनाएगी। इस बेंच में पांच जज शामिल हैं। इससे पहले आज ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में चीफ जस्टिस के साथ अयोध्या मामले पर सुनवाई करने वाले अन्य जज भी शामिल थे। जजों ने इस दौरान यूपी में सुरक्षा इंतजाम की जानकारी ली। साथ ही अधिकारियों से पूछा कि कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए क्या उन्हें कोर्ट से किसी सहयोग की जरूरत है। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि सर्वोच्च न्यायालय अपना फैसला कभी भी सुना सकता है।