(उत्तरकाशी) स्वीडन की न्यूरोलॉजिस्ट साधिका उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज गौरसाली में 100 से अधिक छात्रों को संस्कृत भाषा का प्रशिक्षण दे रही हैं। साधिका का कहना है कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी होने के साथ साइंटिफिक भाषा भी है। इसलिए वह भारतीय संस्कृति भाषा की प्रचारिका बनी हैं। भारत की संस्कृति और संस्कृत भाषा के प्रभाव से देश-विदेश से यहां आने वाले नागरिक इसके बगैर नहीं रह पाते हैं। कुछ ऐसा ही कार्य स्वीडन की साधिका भारतीय नाम आनंदा हिमानी ने किया है। जिससे पाश्चात्य संस्कृति और अंग्रेजी की ओर ललक रखने वाले भारतीयों को सीख लेने की जरूरत है। संस्कृत भारती संस्थान नई दिल्ली की ओर से स्वीडन देश निवासी साधिका भारतीय नाम आनन्दा हिमानी भारतीय संस्कृति से इस दर प्रभावित हुई हैं कि वह भारत वर्ष में संस्कृत भाषा की प्रचारिका बन गई हैं। जबकि वे न्यूरालॉजी नर्वस सिस्टम से स्नातक हैं और अपने देश स्वीडन में हास्पिटल में नर्सिंग के रूप में अपनी सेवा देती हैं। साधिका इन दिनों राइंका गौरशाली में 24 अप्रैल से दस दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर लगाकर विद्यालय के कक्षा छह से नौ तक के छात्रों को संस्कृत वार्तालाप का प्रशिक्षण दे रहीं हैं।