देश-विदेश से आए यात्रियों को इस बार नहीं जूझना पड़ेगा बसों की कमी से

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File photo

ऋषिकेश, आस्था की यात्रा चार धाम यात्रा का आगाज हो चुका है,दो धामों के कपाट खुलने के बाद, अब सबकी निगाहें बद्री और केदार धाम पर टिकी हुई है जिसके लिए देशभर से यात्री उत्तराखंड का रुख करते हैं। यात्रा को सुचारु रुप से चलाने के लिए देवभूमि के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में उप जिलाधिकारी ने सभी विभागों की संयुक्त मीटिंग लेकर दिशा निर्देश जारी किए।

चारधाम यात्रा को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कमर कसना शुरू कर दिया है, गंगोत्री-यमुनोत्री के बाद यात्रा शुरू हो जाती है लेकिन असली शुरुआत भगवान बद्रीनाथ और केदारनाथ के धाम खुलने के साथ ही शुरू होती है जिस पर देश भर का यात्री उत्तराखंड का रुप करता है, इसको लेकर देवभूमि के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया जा रहा है, जिसके लिए उप जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों की मीटिंग लेकर दिशा निर्देश जारी किए।

चारधाम यात्रा में देश भर से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री ऋषिकेश में स्थित यात्रा टर्मिनल से अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं, यहां पर पंजीकरण के साथ-साथ ग्रीन कार्ड भी बनाए जाते हैं और वाहनों की फिटनेस पर पूरा ध्यान दिया जाता है, लेकिन हर साल यह देखने को मिलता है कि यात्रियों को वाहनों के इंतजार में एक या दो दिन का समय लग जाता है और बस से यात्रा के लिए मिल नहीं पाती। परिवहन अधिकारी अनीता चमोला के अनुसार, “इस बार चारधाम यात्रा के लिए पर्याप्त मात्रा में बसों का इंतजाम किया गया है जिससे यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा 2018 की यात्रा में नहीं हो पाएगी।”

देव पूजा के बाद 6 माह के लिए नर पूजा का विधान है इसलिए आज तक की यात्रा में देश-विदेश से भारी मात्रा में श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, ऐसे में यात्रियों की सुविधा के लिए स्थानीय प्रशासन भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। लेकिन हर बार कुछ ना कुछ कमियां यात्रा व्यवस्था पर हावी रहती है, देखना होगा कि इस बार की यात्रा में त्रिवेंद्र सरकार कितने सफल हो पाती है।