उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने शनिवार को कोरोना की जंग के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इस महामारी में वह हनुमान न बनें। विपक्षी दलों को भरोसे में लें। उनके साथ बैठक कर किसान और राज्यहित में मिलकर करें।
यहां जारी बयान में सिंह ने कहा कि रबी फसल कटने को तैयार और गन्ना किसानों का पिछला बकाया है। इस मुश्किल घड़ी ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। सरकार को किसानों की फसल को लेकर तत्काल ठोस निर्णय लेना होगा। रबी की फसल की कटाई के लिए किसानों को लॉक डाउन में ढील मिलनी चाहिए। गन्ना किसानों का बकाया तत्काल दिया जाए।
प्रीतम सिंह ने कहा है कि राज्य के पर्वतीय जनपदों की फसल पहले ही बारिश और ओलों से बर्बाद हो चुकी है। मैदानी जिलों में फसल खड़ी है। कटाई के लिए मजदूर नहीं हैं। उन्होंने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि वह मनरेगा मजदूरों का फसल कटाई में सहयोग ले। किसानों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए। कृषि उपकरणों और दवाइयों से जीएसटी हटाया जाए। लॉक डाउन के दौरान कृषि मंडियों को खोला जाए। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाई जाए। सरकारी खरीद की सीमा को बढ़ाया जाए।
कांग्रेस नेता सिंह ने कहा कि अकेले हरिद्वार मे गन्ना किसानों का दो साल से भुगतान नहीं हो पा रहा हैं। हरिद्वार जनपद में तीन चीनी मिले हैं। अकेले इकबालपुर मिल के पास पिछले दो सालों से किसानों का बकाया 180 करोड़ रुपये हो गया है। लिब्बरहेड़ी एवं लक्सर गन्ना मिल के पास भी गन्ना किसानों का भुगतान 147 करोड़ रुपये हो गया है।
उधर, कांग्रेस उपाध्यक्ष एसपी सिंह इंजीनियर, धीरेंद्र प्रताप और महासचिव विजय सारस्वत और विधायकों फुरकान अहमद और ममता राकेश ने सरकार की किसानों के प्रति बेरुखी पर चिंता व्यक्त की है। इन नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कैसे सोच रहे हैं कि वह अकेले ही महाबली हनुमान बनकर सारी चुनौतियों का मुकाबला कर लेंगे। गन्ना किसानों के लिए सरकार और चीनी मिलों ने जल्द ही कदम न उठाए तो कांग्रेस के सामने सत्याग्रह करने के अलावा कोई चारा नही रहेगा।