लॉक डाउन में फंसी चंपावत की चाय, नहीं भेजी जा सकी कोलकाता

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चंपावत
चंपावत की जैविक चाय भी लाॅक डाउन में फंस गई है। कोलकाता जाने वाली खेप इस बार नहीं भेजी जा सकी है। इस चाय की देश-विदेश में काफी मांग है। लॉक डाउन ने चाय सेक्टर को भारी झटका दिया है। फैक्टरी में चाय की प्रोसेसिंग में भी गिरावट आई है। साथ ही यहां से चाय को कोलकाता नहीं भेजा जा सका है। इस वजह से 27 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है।
जिले के सिलिंगटाक, छीड़ापानी, मुडियानी, मौराड़ी, मझेड़ा, चैकी, मंच, सुयालखर्क, भगाना भंडारी, कालूखान, नरसिंहडांडा, गोसनी, लमाई, दुबडजैनल, खेतीखान आदि में 214 हेक्टेयर क्षेत्रफल चाय बागान में करीब 11 हजार किलोग्राम चाय का उत्पादन हो रहा है। अप्रैल से टी फैक्टरी में इस चाय को प्रोसेस किया जाता है। टी फैक्टरी के प्रभारी के मुताबिक चाय की हरी पत्ती को सुखाने व मढ़ाई के बाद ड्रायर मशीन से सुखाने के पश्चात ग्रेडिंग की जाती है। चाय की प्रोसेसिंग में भी लॉक डाउन का असर हुआ है। इस बार अप्रैल में सिर्फ आठ हजार किलोग्राम चाय प्रोसेस हुई है, जबकि पिछले साल इस अवधि में करीब 12 हजार किलो चाय प्रोसेस की गई थी। वहीं नौ हजार किलोग्राम तैयार चाय को कोलकाता नहीं भेजा जा सका है। चाय बोर्ड के चंपावत प्रभारी डेसमंड कहते हैं कि इस चाय से 27 लाख रुपये की आय होती। अलबत्ता अब इस चाय को हालात सामान्य होने के बाद ही भेजा जा सकेगा।