शिक्षक की करतूत सुनकर कहीं एेसा ना हो कि लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने से ही इन्कार कर दें, क्योकि जिन शिक्षकों द्वारा बच्चों को अुशासन का पाठ पढाया जाना चाहिए वही शिक्षक अपने कारनामों से बदनाम होते जा रहे हैं और शिक्षक जैसे गरीमामय पद कि भी गरीमा नहीं रख रहे हैं। जी हां एक बार फिर हल्द्वानी में ही स्कूल छोड़ने का झांसा देकर एक शिक्षक ने 9वीं की छात्रा को कार में बैठा लिया। हल्द्वानी की ओर जबरन लाते समय छात्रा ने शोर मचाया तो राहगीरों में हड़कंप मचा। कमलुवागांजा पर लोगों ने घेराबंदी कर शिक्षक की कार रुकवा ली। इसके बाद लोगों ने शिक्षक की जमकर धुनाई लगाने के साथ ही कार तोड़ डाली।
पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में ले लिया है। कालाढूंगी के समीप एक गांव में रहने वाली किशोरी माध्यमिक स्कूल में 9वीं की छात्रा है। उसी स्कूल में कुछ समय पूर्व तक कालाढूंगी के पालीटेक्निक के पास रहने वाला शिक्षक मोबीन पढ़ाता था। इसी साल मार्च में उसका तबादला ग्राम गैड़ा, जूनियर हाईस्कूल में हो गया।
इन दिनों शिक्षक घर आया हुआ था। सोमवार की सुबह उसने छात्रा को स्कूल छोडऩे की बात कहकर उसे अपनी कार में बैठा लिया। स्कूल ले जाने के बजाय शिक्षक ने कार हल्द्वानी की ओर दौड़ा दी। घबराई छात्रा ने शोर मचाया तो शिक्षक उसे धमकियां देने लगा। वहीं कमलुवागांजा चौराहे पर लोगों ने कार से चिल्ला रही छात्रा की चीख सुनी। लोगों ने पीछा कर कार को रुकवा लिया।
छात्रा की आपबीती सुन आक्रोशित लोगों ने शिक्षक को जमकर पीटा और कार में पथराव कर तोड़फोड़ कर दी। घटना की सूचना पर मुखानी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शिक्षक को हिरासत में लेकर थाने लाया गया। थानाध्यक्ष कमाल हसन ने बताया कि परिजनों ने थाने पहुंचकर शिक्षक के विरुद्ध तहरीर दी है। आरोपी शिक्षक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
गुरु गोविन्द दोउ खडे काके लागों पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय…इस कहावत तो उन शिक्षकों ने शर्मशार कर दिया है जो हवस के पुजारी निकले, जिन्होने गुरु और शिष्य की मर्यादा को ही लाघ दिया।