सरकारी स्कूलों में एक अगस्त से शिक्षकों के लिए ड्रेसकोड नियम लागू हो जाएगा। शिक्षकों को अनिवार्य रूप से निर्धारित किए गए ड्रेसकोड में ही आना होगा। हालांकि शासन ने शिक्षकों को संवर्गवार स्वैच्छिक ड्रेसकोड तय करने की छूट दी है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
मंगलवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में स्कूलों के संचालन, जीर्ण शीर्ण भवनों व शिक्षा की गुणवत्ता आदि मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने बीते दिनों सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए लागू किए गए ड्रेसकोड को लेकर भी बातचीत की गई। दरअसल नियम को लेकर शिक्षकों के बीच भारी रोष व्याप्त था। कई शिक्षकों ने इसका खुलकर विरोध भी किया। इसके बाद शिक्षकों ने अधिकारियों के लिए तय ड्रेसकोड को ही शिक्षकों के लिए रखे जाने की मांग की। इतना ही नहीं कुछ दिन पूर्व ही राजकीय शिक्षक संघ ने समस्याओं का समाधान न होने तक ड्रेस कोड न मानने का ऐलान किया था। इसी को देखते हुए अब शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को संवर्गवार स्वैच्छिक ड्रेस कोड निर्धारित करने की छूट दी है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने मंगलवार को अपर निदेशक गढ़वाल और कुमाऊं मंडल को आदेश जारी कर उसका पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
महानिदेशक कैप्टन तिवारी ने बताया कि शिक्षकों के लिए स्वैच्छिक ड्रेस कोड लागू किया गया है। शिक्षक संगठन आपस में बैठकर तय कर सकते हैं कि उन्हें किस रंग की और कैसी ड्रेस पहननी है। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षक संगठनों ने अनौपचारिक रूप से अधिकारियों वाली ड्रेस पहनने की इच्छा जताई है। शिक्षकों में सहमति हो तो वही ड्रेस लागू की जा सकती है। साथ ही महिलाओं के लिए साड़ी के साथ ही सलवार सूट का विकल्प भी रहेगा।