देहरादून, सरकार द्वारा उत्तराखंड में श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर पंडा समाज का विरोध लगातार जारी है आज चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और तमाम मंदिर समिति के लोगों ने भारी संख्या में एकत्रित होकर सीएम आवास कूच किया। सीएम आवास से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस द्वारा सभी को रोक लिया गया जहां पंडा समाज ने सड़क पर बैठकर सरकार के विरोध में नारेबाजी की और सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया।
वैष्णो देवी के तर्ज पर उत्तराखंड में भी सरकार ने श्राइन बोर्ड का गठन करने का निर्णय लिया है ऐसे में तीर्थ पुरोहितों, पंडा समाज और तमाम मंदिर समिति के लोगों के भीतर बेहद आक्रोश बना हुआ है सभी का कहना है की सरकार के इस काले कानून को वह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके लिए उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
कृष्णकांत कोठियाल, चारधाम संघर्ष समिति अद्ययक्ष ने कहा, “कि हमारे पूर्वज लंबे समय से मंदिरों में पूजा अर्चना करते हुए आए हैं अनादि काल से तीर्थ पुरोहित मंदिरों का संचालन कर रहे हैं ऐसे में अचानक से सरकार श्राइन बोर्ड लाकर उनके हक-हकूकों को को छीन रही है।”
मदन मोहन भट्ट, पुजारी चन्द्रबदनी मंदिर ने सभी तीर्थ पुरोहितों ने लिये कहा कि, “श्राइन बोर्ड के गठन से पहले सरकार के द्वारा तीर्थ पुरोहितों के साथ एक बार भी वार्ता नहीं की गई अगर सरकार को श्राइन बोर्ड लाना ही था तो एक बार कम से कम उनके साथ बातचीत जरूर कर लेनी चाहिए थी। यात्रा अगर आज चरम सीमा पर गई है और यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है तो उसमें तीर्थ पुरोहितों और मंदिर समिति के कार्यकर्ताओं का अहम योगदान है।”
श्राइन बोर्ड को लेकर उत्तराखंड में सरकार के खिलाफ हर ओर से तीर्थ पुरोहितों, पंडा समाज और मंदिर के पुजारियों के सुर उग्र होते हुए दिखाई दे रहे हैं ऐसे में विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी है जिसमें तीर्थ पुरोहितों के प्रदर्शन करने की भी योजना है। अब सरकार के सामने ये बड़ी चुनौती है कि वो किस तरह से पंडा समाज को मना पाती है।