उत्तरकाशी, जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी थमने के बाद भी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। उत्तरकाशी में खरसाली पेयजल लाइनों के जम जाने के चलते जलापूर्ति के खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं, राड़ी, टॉप, मोरी जरमोला, गंगोत्री, यमुनोत्री राजमार्ग में बर्फ से यातायात में व्यवास्था ठप पडी है। जिससे पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
मौसम ने फिर करवट ले ली। 31 जनवरी को मौसम विभाग ने पहाडों में बर्फबारी व बारिश की चेतावनी जारी कर दी है, इससे पहाडों में एक बार पुनः सफेद आफत की मार पड़नी तय है।
पहाडों में बर्फ का ये नजारा हर किसी को बेशक मनमोहक है, लेकिन बर्फबारी के कारण स्थानीय लोगों की दुश्वारियां बढ़ती ही जा रही है। आलम ये है कि ग्रामीणों को पीने का पानी भी पीठ पर लादकर ले जाना पड़ रहा या तो बर्फ को पिघलाकर उपयोग कर रहे है, जो शासन-प्रशासन के बर्फबारी के दौरान उचित इंतजामातों की कलई खोलने को काफी है। यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में बीते 10 दिनों से जलापूर्ति ठप पड़ी हुई है।
जनपद के बड़कोट, सरनौल ,चान गांव, बसराली,चपटाडी, सर बडियार के आठ गांव में भी बीते दिनों से विद्युत आपूर्ति ठप है। जबकि, मोरी तहसील अंतर्गत कई गांवों में बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। उधर, भागीरथीघाटी के उपला टकनोर में नियमियत चलने वाली बस सेवा बर्फबारी से लगातार 11 दिनों बंद है। जिससे लोगों को जिला मुख्यालय से सम्पर्क टूटा है। इससे गंगोत्री क्षेत्र में रह रहे साधु-संतों को भी भारी समस्यों का सामना करना पडा रहा है।