नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाली वकील को राजस्थान सरकार ने हटा दिया है। वकील रुचि कोहली राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना मामले में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड हैं।
रुचि कोहली सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान के सरकारी वकीलों के पैनल में थीं। सरकारी पैनल के वकील निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं। इस पर रोक नहीं है।
15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने ‘चौकीदार चोर है’ कहने पर राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने दायर की है। मीनाक्षी लेखी की तरफ से कहा गया कि ये कोर्ट की अवमानना है। राहुल गांधी ने कोर्ट के फैसले की गलत व्याख्या की है।
पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने राफेल मामले पर लीक दस्तावेजों को साक्ष्य के तौर पर पेश करने के खिलाफ दायर केंद्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर विस्तार से सुनवाई करेगा।
मामले पर सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं ने जो दस्तावेज लगाए हैं वे प्रिविलेज्ड हैं और उन्हें भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के तहत साक्ष्य के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा था कि सरकार की चिंता राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं है बल्कि सरकारी अधिकारियों को बचाने की है, जिन्होंने राफेल डील में हस्तक्षेप किया।
सुनवाई के दौरान चीफ याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा था कि अटार्नी जनरल की आपत्तियां सुरक्षा हितों के लिए नहीं हैं। इनमें से सभी दस्तावेज पहले से ही पब्लिक डोमेन में हैं। ऐसे में कोर्ट इस पर संज्ञान कैसे नहीं ले सकती है। प्रशांत भूषण ने कहा था कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के मुताबिक प्रिविलेज का दावा उन दस्तावेजों के लिए नहीं किया जा सकता है जो पब्लिक डोमेन में हों। ये सभी दस्तावेज पब्लिश हो चुके हैं, इसलिए प्रिविलेज का दावा बेबुनियाद है।