फिर शानदार हुई मसूरी माल रोड

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पिछले 18 साल से, निहाज सिंह मसूरी के माल रोड पर रिक्शा चला रहे है, कहते हैं, कितना अच्छा लग रहा है माल रोड, पहले चलने की जगह भी नहीं होती थी, गंदगी अलग होती थी, अब कितना साफ सुथरा लग रहा है, एक बार फिर माल रोड पहले जैसा सुंदर और साफ हो चुका है।

मसूरी के एसडीएम और शहर के मेयर की पहल से मसूरी की लगभग साढ़े तीन किमी लंबी माल रोड एक बार फिर अपनी पुरानी पहचान वापस पाने लगा है। पिछले कुछ सालों में राजनितिक पार्टियों ने अपने-अपने वोट बैंक के चक्कर में माल रोड को बिगाड़ दिया गया, घंटों का ट्रैफिक जाम, घोड़े, साइकिल, रिक्शा और बड़ी बड़ी गाड़ियों ने शहर की सड़कों को चोक कर दिया था। ऊपर से सड़क के किनारे लगभग सौ से अधिक अलग-अलग रेड़ियों और ठेली वालों ने माल रोड की खुबसूरती फीकी कर दी थी।

मसूरी के एसडीएम हरगिरी कहते हैं, औरों का नहीं पता लेकिन मैं अब किसी भी वेंडर को माल रोड पर दुकान लगाने की परमिशन नहीं दूंगा। इनके लिए म्यूनिसिपल काउंसिल को एक अलग प्लान तैयार करना होगा।

अब वेंडरों को कैमल बैक रोड निर्धारित करा दी गई है जिससे वेंडर खुश नहीं है, क्योंकि उनके मुताबिक, टूरिस्ट उस लोकेशन पर बहुत ज्यादा नहीं जाते। मनोज दिवान जो पिछले 25 सालों से माल रोड पर नेम प्लेट का बिजनेस करते हैं वो भी इस फैसले का शिकार हुए हैं। मनोज कहते हैं कि मेरे दो बेटे हैं जो क्लास 11 में जा रहे हैं, उनकी फीस तो भुल जाइए मेरे पास अब इतने पैसे भी नहीं कि अपना परिवार पाल सकूं, पिछले एक महीने से मेरी एक पैसे की कमाई भी नहीं हुईं है।

म्यूनिसिपल काउंसिल के अध्यक्ष मनमोहल मल्ला कहते हैं कि माल रोड हमेशा से ऐसा ही दिखना चाहिए था जैसा अब दिख रहा है, और इसकी खुबसूरती को बनाएं रखने के लिए हर कोशिश करेंगे। आशा है कि आने वाले समय में वोट बैंक पालिटिक्स के लिए मसूरी में हुए पाजिटिव बदलाव फिर से शहर की सुन्दरता पर दाग न लगें।