सिल्वर स्क्रीन पर आज भी कायम है अमिताभ बच्चन की धाक

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नई दिल्ली, हिन्दी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा था कि बॉलीवुड में 76 साल के बूढ़े की क्या वकत हो सकती है। जिस इंडस्ट्री में 26 साल के युवा अदाकार की मांग हो, वहां 76 साल के बुजुर्ग को कौन पूछेगा।

अमिताभ का यह कथन कम से कम उनपर लागू नहीं होता, क्योंकि 11 अक्टूबर (गुरुवार) को 76 साल के हो रहे इस अभिनेता की धाक सिल्वर स्क्रीन पर वैसे ही कायम है जैसे ही 40 वर्ष पहले थी।

‘सात हिन्दुस्तानी’ से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत करने वाले अमिताभ वर्ष 2018 में ‘ब्रह्मास्त्र’ और ‘ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान’ जैसी चर्चित फिल्मों के सेट पर नजर आते हैं। फिल्म जगत ही नहीं टेलीविजन चैनलों और समाजिक मुद्दों पर जनजागरुकता का संदेश फैलाने में व्यस्त हैं। उनकी दमदार अावाज का जलवा कायम है, जिसके जरिए विभिन्न एजेंसियां अपने उपभोक्तोओं और आम आदमी तक पहुंचाने में उपयोग करती हैं।

हाल में मणिकर्णिका के टीजर में भी उन्होंने खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी का कथन श्रोताओं तक पहुंचाया। दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित अमिताभ बच्चन देश-विदेश के सभी फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।

11 अक्टूबर, 1942 को इलाहाबाद में जन्मे अमिताभ बच्चन का बचपन से ही अभिनय की ओर झुकाव था और दिलीप कुमार से प्रभावित रहने के कारण वह उन्हीं की तरह अभिनेता बनना चाहते थे । अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1969 में ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म सात हिंदुस्तानी से किया था लेकिन इस फिल्म के असफल होने के कारण वह दर्शकों के बीच कुछ खास पहचान नहीं बना पाये। वर्ष 1971 में अमिताभ बच्चन को राजेश खन्ना के साथ फिल्म आनंद में काम करने का मौका मिला।

राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार के रहते हुए भी अमिताभ बच्चन दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। इस फिल्म के लिए उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया।

निर्माता प्रकाश मेहरा की फिल्म जंजीर अमिताभ बच्चन के फिल्मी करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। फिल्म की सफलता के बाद बतौर अभिनेता अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये। दिलचस्प तथ्य यह है कि फिल्म जंजीर में अमिताभ बच्चन को काम करने का मौका सौभाग्य से ही मिला ।

अभिनेता प्राण ने प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और उनकी फिल्म बांबे गोवा देखने की सलाह दी। फिल्म को देखकर प्रकाश मेहरा काफी प्रभावित हुए और उन्होंने अमिताभ बच्चन को बतौर अभिनेता चुन लिया। जंजीर के निर्माण के दौरान एक दिलचस्प वाकया हुआ। स्टूडियो में फिल्म की शूटिंग के दौरान राजकपूर भी अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे । उसी दौरान राजकपूर ने अमिताभ की आवाज सुनी लेकिन तब तक वह नहीं जानते थे कि यह किसकी आवाज है। उन्होंने कहा कि एक दिन इस दमदार आवाज का मालिक फिल्म इंडस्ट्री का बेताज बादशाह बनेगा।

फिल्म जंजीर की सफलता के बाद अमिताभ बच्चन की गिनती अच्छे अभिनेता के रूप मे होने लगी और वह फिल्म उद्योग में ‘एंग्री यंग मैन’ कहे जाने लगे। वर्ष 1975 मे यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘दीवार’ ने अमिताभ बच्चन की पिछली सभी फिल्मों के रिकाॅर्ड तोड़ दिये और शोले की सफलता के बाद तो उनके सामने सारे कलाकार फीके पड़ने लगे और अमिताभ बच्च्चन फिल्म इंडस्ट्री में सुपर स्टार के सिंहासन पर जा बैठे ।