30 अप्रैल, 4.30 प्रातः को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

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बदरीनाथ
Badrinath Temple

30 अप्रैल 4.30 प्रातःको खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, आज नरेंद्रनगर राजमहल में बोलांदा बदरी टिहरी नरेश महाराजा मनुजेंद्र शाह ने बसंत पंचमी के पावन पर्व पर पंचाग व गणेश पूजा के उपरांत की कपाट खुलने की तिथि की घोषणा करी।

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उत्तराखण्ड में बसंत अपने साथ कई उम्मीदों को लेकर आता है जिसमें सबसे बड़ी उम्मीद चार-धाम यात्रा का प्रमुख स्थान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा का दिन भी है। ये परम्परा प्राचीन काल से उत्तराखण्ड में चली आ रही है जिसे गढ़वाल का राजवंश बड़ी सिद्धत के साथ निभाता है। बसंत पंचमी का दिन नरेंद्रनगर राजमहल के लिये खासा महत्वपूर्ण होता है। राज परिवार का मुखिया विधिवत पूजा अर्चना के साथ कपाट खुलने की तिथि  घोषणा करता है ओर राजपुरोहित पंचांग और महाराजा की जन्मपत्री देख कर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का शुभ मुहर्त निकालते है। साथ ही गाडू-घडी की तिथि की भी घोषणा आज के ही दिन की जाती है जोकि इस साल 7 अप्रैल है। टिहरी राजदरबार में महारानी व अन्य सुहागिन महिलाओं के द्वारा भगवान बदरी विशाल के लिए तिलों का तेल बनाया जाता है। आज राजदरबार में महारानी व टिहरी सांसद माल्या राज लक्ष्मी, बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल आदि मौजूद थे।

उत्तराखंड के चारधामो में एक प्रमुख धाम भगवान विष्णु के वास बद्रीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल  ब्रह्म मुहर्त पर सुबह 4.30 मिनट को खुलेंगे। टिहरी राजवंश, बसंत पचमी के दिन विधिवत पूजा-अर्चना के साथ तिथि की घोषणा करता है। टिहरी के राजा को बोलंदा बद्री की उपाधि से नवाजा गया था, सदियों से राजपरिवार इस परंपरा को निभाता आ रहा है। सुबह से ही राजमहल में बद्रीनाथ केदारनाथ समिति और डिमर गाँव से आये पुजारी गाडू-घडी लेकर आते है।

श्रधालुओ के लिए सुबह से ही नरेंदर नगर राजमहल में दूर-दूर से आये भक्तो में तिथि खुलने के लिए उत्साह देखने लायक होता है।  बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र डोंडरीयाल ने बताया कि, “2017 की ही तरह इस बार भी चार धाम यात्रा से राज्य को बड़ी उम्मीद है, जिसके लिए हर तरह की तैयारी की जा रही है और सुविधाओ पर जोर दिया गया है जिस से तीर्थ यात्रियों को सुविधा मिल सके।”

2017 की यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ तीर्थयात्री देश विदेश से आए थे इस बार भी उम्मीद की जा रही है की 2018 की यात्रा भगवान बद्रीविशाल के दर्शनों के लिए शुभ और सुरक्षित होगी।