हरिद्वार, कांवड़ मेला शुरू होने में कुछ दिन ही बाकी रह गए हैं। लेकिन कांवड़ पटरी की हालत अभी भी कई जगह खस्ताहाल बनी हुई है। 45 किलोमीटर की कांवड़ पटरी की मरम्मत ना होने से आने वाले कांवड़ियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
हर साल कांवड़ यात्रा में लाखों की संख्या में शिवभक्त पैदल हरिद्वार से जल भरकर अपने गंतव्य की ओर जाते हैं। प्रशासन द्वारा कांवड़ मार्ग पर लाखों का बजट खर्च किया जाता है, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति ही दिखती है। दरअसल, नार्थन बॉर्डर से हरिद्वार करीब 45 किलोमीटर की कांवड़ पटरी है। यह मार्ग उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से सटा है। लेकिन इस कांवड़ मार्ग के दुरुस्त ना होने से कांवड़ियों को हर बार भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब देखना होगा कि कांवड़ पटरी का काम पूरा किया जाता है या फिर अंतिम समय में आनन-फानन में पटरी पर मिट्टी डाल दी जाती है, जो बारिश के समय भक्तों के लिए परेशानी खड़ी कर देता है।
एसडीएम रविंद्र सिंह का कहना है कि, “इस बार गड़बड़ी करने वाले ठेकेदार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि समय रहते सभी कार्यों को पूरा कर लिया जाए, जिससे कांवड़ियों के यात्रा को आसान और मंगलमय बनाया जा सके।”