जहां देश में स्वच्छ भारत का नारा देकर और करोडों रुपये खर्च कर देश को स्वच्छ बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा हो, वहीं देश केे एक कोने में एक छोटा सा शहर एसा है जिसे ना तो इन नारों की जरुरत है और ना ही किसी मिशन से जुड़ने की। क्योंकि जहां सोच ही सकारात्मक हो तो वहां किसी जागरुकता की जरुरत नहीं पडती। इस गांव में भी एसा ही है, यहां लोग सफाई कर्मचारियों का इन्तजार नहीं करते बल्कि खुद ही अपने शहर को स्वच्छ रखने के लिए रोजाना अपने घरों के बाहर और शहर को स्वच्छ रखते हैं और शहर में गंदगी नहीं फैलाते हैं। ये शहर ग्रीन सीटी और क्लीन सीटी के नाम से खुद ही विख्यात है…ये है चम्पावत जिले का गौलचौड़ गांव जहां के लोग एक मिसाल हैं देश के लिए।
नगर में जहां अनेक स्थानों में गंदगी के फैले होने से स्थानीय लोग परेशान हैं। वहीं गौरलचौड़ रोड के लोग एक नजीर साबित हो रहे हैं, जो सफाई के लिए किसी सफाई कर्मचारी का इंतजार नहीं करते बल्कि स्वयं सफाई अभियान में जुट जाते हैं। यही वजह है कि इस रोड पर हमेशा सफाई देखने को मिलती है। गौरलचाड़ रोड स्थित सभी निवासी स्वच्छता अभियान का एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर रहे हैं। यहां के निवासी अपने-अपने घरों के सामने रोड व नालियों की सफाई स्वयं करते हैं और कूड़े को डस्टबिन में एकत्रित कर पालिका के कूड़ा वाहन में डालते हैं।
लोगों का कहना है यह गौरलचाड़ मैदान का मुख्य मार्ग है और लोग सुबह सैर करने, बच्चे खेलने के लिए जाते हैं। इसलिए इसका साफ सुथरा रहना जरुरी है। गौरलचौड़ रोड निवासी गुणानंद थ्वाल ने बताया यहां प्रत्येक निवासी अपने घर के समाने स्वयं सफाई करता है, लेकिन सफाई का कोई फायदा नहीं होता जब मुख्य बाजार से बहकर आने वाली गंदगी से नालियों में भर जाती है। उनका कहना है पालिका को इसके लिए नालियों में जैमर लगाने चाहिए जिससे मुख्य बाजार का कूड़ा यहां नालियों में बहकर न आए। साथ ही उन्होंने बताया पालिका के कूड़ा वाहन के समय निश्चित न होने से वे परेशान हैं।