ऋषिकेश, डॉ आरके गुप्ता मामले में फंसे शहर के प्रमुख जनप्रतिनिधियों को नगर निगम चुनाव लड़ने पर कानूनी अड़चनों को लेकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सफाई दी।
ऋषिकेश बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सजवाण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तमाम तकनीकी पहलूओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि विगत 20 दिसम्बर को सरकार बनाम डॉ आरके गुप्ता के केस में मुख्य न्यायाधीश द्वारा जो निर्णय दिया है, उसमें गुप्ता को पांच वर्ष की सजा व उनके सहयोगियों निर्वतमान पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, पूर्व पालिकाध्यक्ष स्नेहलता शर्मा, सभासद कविता शाह, पूर्व सभासद, राहुल शर्मा, प्यारेलाल जुगलान, अरविंद शाह, रवि जैन को अलग-अलग धाराओं मे छह माह से लेकर एक वर्ष तक सजा सुनाई गई थी। जो कि बेलेवल अपराध की श्रेणी में आने के कारण उसी दिन सभी को जमानत मिल गई थी। उन्होंने बताया कि नगर निगम अधिनियम 153 की धारा में इसका साफ उल्लेख है कि दो वर्ष से कम की सजा पाये हुए जनप्रतिनिधि चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। इस मौके पर बार ऐसोसिएशन के पूर्व सचिव मुकेश शर्मा, नरेश शर्मा, अधिवक्ता अमित वत्स सहित मामले में फंसे तमाम जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।