एटीएम क्लोनिंग करने वाले गिरोह के तीन सदस्य महाराष्ट्र से गिरफ्तार

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ATM fraud

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उत्तराखण्ड व दून पुलिस ने एटीएम की क्लोनिंग की घटना में वांछित चल रहे गिरोह के मुख्य तीन अभियुक्तों रामबीर, जगमोहन, सुनील को कोल्हापुर महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। बीते जुलाई माह में जिले में संगठित गिरोह द्वारा कुछ एटीएम में स्कीमर डिवाईस व कैमरे लगाकर एटीएम की क्लोनिंग कर घटना को अंजाम दिया था। इस सम्बन्ध में देहरादून के विभिन्न थानों में कुल 97 अभियोग पंजीकृत किये गये थे, जिसमें पीड़ितों के कुल धनराशि 36,399,65 अवैध रूप से निकाली गई थी।

इन प्रकरणों पर एसटीएफ व जनपद देहरादून पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुये 27 जुलाई 2017 को गिरोह में संलिप्त महिला अनिल कुमारी पुत्री दया सिंह निवासी मालरा, गोहना सोनीपत को गिरफ्तार किया था। वहीं गिरोह के अन्य अभियुक्त वांछित चल रहे थे। इस सम्बन्ध में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, देहरादून द्वारा पांच-पांच हजार रुपयों का पुरस्कार भी घोषित किया गया था।
एसटीएफ ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यों मे लगातार सुरागरसी-पतारसी की जा रही थी। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र तथा मुम्बई आदि में मुखबिर तन्त्र को सक्रिय किया। अभियुक्तगण के महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छिपे होने की सूचना पर टीम 21 जुलाई 2017 को ही तीनों ईनामी अपराधियों को कोल्हापुर, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया कर यिला था। जिसका खुलासा एसटीएफ ने आज बुधवार को किया।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे घूमने के लिए 30 जून को पहली बार देहरादून आए थे। जिसके बाद देहरादून में ऐसे एटीएम की तलाश की गई जहां गार्ड नहीं थे। जिसमेें धर्मपुर चौक के निकट मोथरोवाला जाने वाले तिराहे पर स्थित एसबीआइ के एटीएम को चिन्हित किया तथा उसके बाद मसूरी रोड पर एक होटल में ठहरे। दो जुलाई को सुबह 6.30 बजे एटीएम के आस-पास के सुरक्षित एटीएम मशीनों के की-पैड में फेवीक्वीक डालकर उनको निष्क्रिय कर दिया गया। जिससे सारे लोग दूसरे एटीएम पर पैसे न निकाल सके। बाद में एटीएम पहुंचकर कैमरा व स्किमर लगाया तथा डेटा कॉपी होने के बाद स्कीमर डिवाईस व कैमरा निकालकर ले गये। लेकिन काम सही नहीं हो पाया।

दिल्ली में किया क्लोन तैयार
दोबारा सात जुलाई को देहरादून आकर मसूरी डाइवर्जन के पास स्थित एक होटल में ठहरे, आठ जुलाई को सुबह-सुबह रेकी कर राजीव नगर पुल के पास स्थित एसबीआई के एटीएम में स्कीमर डिवाइस व कैमरा फिट किया और शाम को डाटा कॉपी, चोरी करने के बाद स्कीमर डिवाइस , कैमरा निकालकर वापस रोहतक गये जहां से अगले दिन दिल्ली जाकर अपने पहचान के प्रवीन की सहायता से चोरी किये गये डाटा, पासवर्ड से एटीएम कार्ड के 103 क्लोन तैयार किये गये और 23 दिन बाद रामबीर की कार से जयपुर जाकर क्लोन किये गये कार्डो से टौंक रोड पर स्थित विभिन्न एटीएम से रुपये निकाले गये वापस दिल्ली आकर पुन: क्लोन कार्डों से भी धनराशि निकाली गई। इसके बाद वापस रोहतक चले गये। गिर तारी से बचने के लिये दिल्ली पहुचकर लाईट के द्वारा गोवा चले गये। वहॉ लगभग 12 दिन होटल में कमरा किराये पर लेकर रहे। वहॉ से वापस लाईट से दिल्ली आये, लेकिन पुलिस की सक्रियता की खबर सुनकर पुन: रेल से कोल्हापुर, महाराष्ट्र चले गये। लेकिन एसटीएफ की गिरफ्त में आ गए।
पकडे गये अभियुक्त रामबीर ने बताया कि वह 10वीं फेल है तथा वर्ष 2012 में अपने पडोस के गॉव के सुनील से एटीएम की-पैड में तिल्ली फंसाकर एटीएम को हैक कर लोगों को बेवकूफ बनाकर उनके खातों से पैसा निकालने का तरीका सीखा था और इस प्रयास में सात अन्य सह- अभियुक्तों के साथ थाना अरबन स्टेट रोहतक से जेल गया था। साथ ही साथ शराब तस्करी का काम भी करता है जिसके लिये अलग-अलग चार पहिया वाहनों से जिसमें अपनी सैंट्रो, आई-20 का भी प्रयोग करता रहा है।
वर्ष 2016 में एटीएम क्लोनिंग का काम सीखा और पहले दिल्ली में डाटा चोरी कर पैसा निकालने का प्रयास किया परन्तु सफल नहीं हुये तो दूर दराज लेह, जम्मू कश्मीर में जाकर वहां के सीधे साधे लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने का प्लान बनाया और इस प्रयास में लेह में अक्टूबर 2016 में अपने साथी प्रवीन के साथ पकड़ा गया जहां सात माह तक जेल में रहा।

नाम पता अभियुक्तगणः-
01- रामबीर पुत्र स्व. राजपाल निवासी ग्राम बरहाना थाना बेरी जिला झज्जर हरियाणा।
02- जगमोहन पुत्र देवेन्द्र निवासी ग्राम बरहाना थाना बेरी जिला झज्जर हरियाणा।
03- सुनील पुत्र धर्मपाल निवासी ग्राम खराबड जिला रोहतक हरियाणा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।