चीन और पतंजलि के बीच योग और आयुर्वेद पर करार

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पतंजलि
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हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने बीजिंग के निकट हार्वे प्रांत में गवर्नर ल्यूगांव लिन से भेंटवार्ता कर भारत-चीन के रिश्तों को मधुर बनाने की एक ठोस पहल की है। चीन सरकार ने भारत की हर तरह की कला, संस्कृति, परंपरा, योग, आयुर्वेद, अनुसंधान, जड़ी-बूटी अन्वेषण, योग-केंद्र, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा व मीडिया आदि गतिविधियों के लिए कार्य करने के लिए शनिवार को स्वीकृति दी।
आचार्य बालकृष्ण ने शनिवार को कहा कि हमें ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ व ‘विश्व बन्धुत्व’ की भावना से एक साथ मिलकर कार्य करना है। इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए चीन के हार्वे प्रांत के नंदगांव में नंदगांव औद्योगिक पार्क की प्रशासनिक समिति व पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, भारत व दो अन्य संस्थाओं के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन(एमओयू) भारतीय संस्कृति, परम्परा तथा विभिन्न कलाओं के प्रचार-प्रसार में सहायक होगा। यदि कोई भारतीय संस्था, कम्पनी, सरकारी या गैर सरकारी संगठन यहां कार्य करना चाहे तो इस समझौते के अनुसार उन्हें यहां पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां सभी लोग पतंजलि की गतिविधियों से भी बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य भारतीय संस्कृति, परम्परा, योग, आयुर्वेद व देश की विभिन्न कलाओं का प्रचार-प्रसार कर वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाना है। बैठक में हार्वे प्रांत के डिप्टी गर्वनर गाओ लंगुवा, स्काई टीवी के सीएमडी चेन जियानचेंग, वू झिगुआ, झेंग बाओशान, झू झेनपेंग तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।