राजभवन में टापर्स कान्क्लेव 2018 का शुभारंभ

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देहरादून,  प्रदेश के राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल और इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एएस किरन कुमार ने राजभवन में ‘टापर्स काॅन्क्लेव’ का विविधवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, उच्च शिक्षा मंत्री(राज्य) डॉ.धन सिंह रावत व सभी राज्य विश्वविधालयो के कुलपति भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में राज्यपाल डॉ. पाल ने कहा कि टापर्स काॅन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में ‘एकेडमिक एक्सीलेंस’ का वातावरण विकसित करना है। प्रदेश के विद्याार्थियों में तकनीकि विकास एवं आधुनिक ज्ञान के प्रति अभिरूचि को बढ़ावा देना है। राज्यपाल ने कहा कि यह कान्क्लेव प्रतिभागी टापर्स छात्र-छात्राओं के साथ ही अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणास्रोत का काम करेगा। इस काॅन्क्लेव की कार्यवाही और व्याख्यानों को एक किताब के रूप में प्रकाशित कर काॅलेजों एवं विश्वविद्यालयों में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था समकालीन होने के साथ साथ भविष्योन्मुखी भी हो। छात्र-छात्राओं को स्मार्ट कैम्पस के साथ-साथ स्मार्ट विलेज का ध्वजवाहक बनना होगा।

उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता प्रो. एएस किरन कुमार ने ‘राष्ट्र निर्माण में वैज्ञानिक एवं तकनीकि शोध की भूमिका’ विषय पर व्याख्यान देते हुए उपस्थित छात्र-छात्राओ को असफलताओं से सीख लेते रहने को कहा। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अभियान के प्रारम्भिक दिनों की चुनौतियों के बारे में बताते हुए कहा कि शुरूआती असफलताओ के बावजूद दृढ निश्चय एवं लगन के बूते भारत के वैज्ञाानिको ने अपना अलग मुकाम बनाया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान में चन्द्रयान, मंगलयान तथा सैटेलाइट लाॅच विकिल्स ने भारत की प्रतिष्ठा मे वृद्वि की है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्याोगिकी का सर्वश्रेष्ठ उपयोग मानवता की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। आज भारतीय उपग्रहों के द्वारा मौसम, कृषि, नेविगेशन, टेलीकम्यूनिकेशन के क्षेत्र में क्रांति लाई गयी है। प्रो. एएस किरन कुमार ने बच्चो को लर्निंग, अनलर्निंग और रि-लर्निंग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि तकनीकि की दुनिया तेजी से बदलती रहती हैं। ऐसे में युवाओं को भी सदैव नया सीखने की प्रवृत्ति रखनी चाहिए।

शिक्षामंत्री अरविन्द पाण्डेय ने उपस्थित छात्र-छात्राओ को चुनौतियों व संघर्षो के सामने हार न मानने की सीख दी। उच्चशिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के विश्वविद्याालयो में शैक्षणिक कैलेंडर लागू कर दिया गया है। राज्य के काॅलेजो में 93 प्रतिशत फैकल्टी नियुक्त हैं। राज्य में शीघ्र ही देश का पहला ‘ज्ञान कुम्भ’ आयोजित किया जाएगा। उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एचएस धामी ने स्वागत भाषण दिया। दूसरे सत्र में दून विश्वविद्यालय के कुलपति सीएस नौटियाल ने ‘टैक्नोलाॅजिकल इन्नोवेशन फाॅर प्रोसपैरिटी आॅफ इंडिया’ विषय पर विचार रखे। पहले दिन के अंतिम सत्र में विभिन्न छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी की छात्रा आरती ने कहा कि आज के युग में टैक्नोलाॅजिकल इन्नोवेशन्स की बहुत अधिक आवश्यकता है। डिजीटल इंडिया को सपोर्ट किया जाना चाहिए। उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में संचार सुविधाएं उपलब्ध हों तभी यह संभव होगा। पंत नगर कृषि विश्वविद्यालय के छात्र ने कहा कि भारत में आधुनिक तकनीक बहुत ही सस्ती कीमत पर उपलब्ध हो जाती है। हमारे अंतरिक्ष मिशन हाॅलीवुड की फिल्मों से भी कम कीमत सफल हुए हैं। हृदय में लगाया जाने वाला स्टंट भारत में सबसे सस्ता है। मगर ये सब हमने आविष्कार के बाद शुरू किए। हमें नए आविष्कारों के लिए आगे आना होगा। यूकाॅस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, विश्वविद्यालयों के टापर्स, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
इन टॉपर्स ने किया प्रतिभाग 
संजीव कुमार साहू और सुदर्शन मिश्रा- पंतनगर विश्वविद्यालय।
डाॅ. बी बसुमैत्री और डाॅ. पूजा अग्रवाल- उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन विश्वविद्यालय।
उत्तम प्रसाद सेमवाल और आरती – उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय।
डाॅ. तृप्ति जोशी और डाॅ. पारूल रानी – उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय।
नितिन आर्य और अभिषेक आर्य – उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय।
इमलियांगर जमीर और अवन्तिका देवरानी – औद्यानिकी विश्वविद्यालय भरसार।
आदिति बिष्ट और क्षिति – दून विश्वविद्यालय।
दीपा और ललिता तिवारी – तकनीकि विश्वविद्यालय।
श्रिया वशिष्ठ और सचिन शर्मा – श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय।
प्रदीप कुमार और पूजा – कुमाऊं विश्वविद्यालय।
साल 2015 में शुरू हुआ था टॉपर्स कॉन्क्लेव

टापर्स काॅनक्लेव राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल की पहल पर वर्ष 2015 से आयोजित किया जाता रहा है। उक्त काॅनक्लेव में प्रत्येक राज्य विश्वविद्यालय से दो-दो टापर्स छात्र-छात्राओं को पांच दिवसीय संगोष्ठी में आमंत्रित किया गया है। छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त गणमान्य शिक्षाविदों, सभी कुलपतियों तथा अन्य विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा भी प्रतिभाग किया जायेगा। इस काॅनक्लेव का मुख्य उद्देश्य राज्य विश्वविद्यालयों के टापर्स को सम्मानित करने के साथ ही उनके शैक्षिक एवं वैचारिक उन्नयन हेतु मंच उपलब्ध कराना है। काॅनक्लेव में विभिन्न सत्रों में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मे.ज.(से.नि)आनंद सिंह रावत, हेस्को के डाॅ. अनिल जोशी, एफआरआई की निदेशक डाॅ. सविता, यूकोस्ट के महानिदेशक डाॅ. राजेन्द्र डोभाल, डाॅ. दुर्गेश पंत सहित विभिन्न विषय विशेषज्ञों एवं शिक्षाविदों द्वारा विभिन्न विषयों पर व्याख्यान तथा चर्चा-परिचर्चा की जाएगी।