अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भारी छूट मामले को लेकर प्रतिस्पर्धा आयोग पहुंचा कैट

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ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा फेस्टिव सीजन में भारी डिस्‍काउंट देने की शिकायत को लेकर कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) शुक्रवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) पहुंचा।
कैट का प्रतिनिधिमंडल प्रवीण खंडेलवाल के नेतृत्‍व में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अध्‍यक्ष अशोक कुमार गुप्ता से मिलकर ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट के फेस्टिव सीजन ऑफर के नाम पर भारी छूट देने और व्यापार को अनुचित प्रतिस्पर्धा के जाल में फंसाने संबंधी ज्ञापन सौंपा। कैट ने सीसीआई को बताया कि किस प्रकार ये कंपनियां अपने निवेशकों की मदद से भारी नुकसान होते  हुए भी अनेक वर्षों से अपने बिजनेस को चला रही है।
कैट ने प्रतिस्‍पर्धा आयोग से देश में एक निष्पक्ष बाजार स्थापित करने में कमीशन के हस्तक्षेप का अनुरोध की। इस बातचीत के दौरान सीसीआई की आर्थिक सलहाकार पायल मालिक भी मौजूद रहीं। आयोग के अध्‍यक्ष अशोक कुमार गुप्ता ने कैट प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा की आयोग देश में एक समान व्यापारिक वातावरण स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यदि कोई भी किसी भी  तरीके से कीमतों को प्रभावित करते हुए अस्वस्थ व्यापारिक पद्धति अपनाता है तो कमीशन इस बारे में आवश्यक कार्रवाई करेगा।
कैट द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों पर अशोक गुप्ता ने प्रतिस्‍पर्धा आयोग के अधिकारियों को अध्ययन करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि आयोग तय करेगा कि किसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए। दरअसल कैट की मांग और सौंपे गए सबूत के आधार पर ही केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में ई-कॉमर्स करोबार पर सरकार के रुख को स्पष्ट किया। उन्‍होंने   कहा कि कैट की मांग पर जांच के आदेश दिए गए हैं।
कैट ने गोयल के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह गोयल ने दृढ़ता से एफडीआई पॉलिसी के पालन पर जोर दिया और पालन न करने वालों पर सख्त कारवाई की घोषणा की है। उसे  देखते हुए सरकार को अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के खिलाफ तुरंत कारवाई करनी चाहिए। उल्‍लेखनीय है कि कैट ने वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल एवं मंत्रालय के अधिकारियों को इन कंपनियों के खिलाफ कई सबूत भी सौंपे हैं।
खंडेलवाल ने बताया कि अमेजन एवं फ्लिपकार्ट की अनैतिक व्यावसायिक पद्धति की वजह से दिवाली तक देशभर में करीब 40 हजार मोबाइल दुकाने बंद होने के कगार पर है। वहीं, एफएमसीजी, फुटवियर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, गिफ्ट आइटम्स, गारमेंट्स और घड़ियों जैसे अन्य क्षेत्रों का व्यापार अक्टूबर महीने में लगभग 30 से 40 फीसदी गिर गया है।