(देहरादून) ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट (एआईएमटीसी) कांग्रेस और उत्तराखंड परिवहन महासंघ के आह्वान पर पूरे देश में टोल बैरियर हटाने के साथ ही रोड सेफ्टी बिल में संशोधन, डीजल की कीमतों को कम करने, डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी योजना समाप्त करने के साथ ही ट्रांसपोर्ट कारोबार पर टीडीएस समाप्त करने जैसी मांगों को लेकर प्रस्तावित देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर उत्तराखंड में दिखा। हड़ताल में टेंपो, आटो, स्कूल वैन, सिटी बसों के संचालक अधिकांश स्थानों सार्वजनिक परिवहन सेवाएं पूरी तरह से ठप रहीं जिससे यात्रियों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
शुक्रवार को ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बैनर तले ट्रांसपोर्टरों की देशव्यापी हड़ताल का उत्तराखंड में व्यापक असर देखने को मिला। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और उत्तराखंड परिवहन महासंघ के आह्वान पर उत्तराखंड में सिटी बसों, विकर्मों, टैक्सी-मैक्सी, ऑटो और स्कूली वाहनों के पहिये भी थमे हुए हैं। जबकि ट्रक ट्रांसपोटर्स स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि जब तक मांगों को लेकर केंद्र सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती है और उन्हें केन्द्रीय महासंघ की ओर से निर्देश नहीं मिलते हैं, तब तक ट्रकों की हड़ताल चलती रहेगी। ट्रकों की हड़ताल से मंडी में भी कामकाज प्रभावित का असर दिखाई पड़ा। हड़ताल से पर्वतीय क्षेत्रों के लिंक मार्गों पर आवाजाही में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। रोडवेज की बसें भी इन रूटों पर नहीं चलती हैं। ऐसे में लोगों को पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा। हड़ताल के दौरान सब्जी, दूध व मरीजों को ले जा रहे वाहनों को जाने दिया जा रहा है।
हड़ताल के चलते देहरादून में तमाम ट्रक आपरेटर्स ने अपने ट्रकों को ट्रांसपोर्टनगर में खड़ा कर दिया है। ट्रक संचालकों ने बृहस्पतिवार को राज्य के तमाम औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित छह हजार से अधिक फैक्ट्रियों में निर्मित सामानों का भी लदान नहीं किया। हड़ताल के चलते प्रदेश में हजारों ट्रकों के पहिए जाम हैं।
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दलजीत सिंह मान से बताया कि हड़ताल से राज्य में दो लाख ट्रकों का संचालन और करीब तीन लाख अन्य वाहनों का परिचालन बंद है। उनका कहना है कि तृतीय पक्ष बीमा प्रीमियम निर्धारण में पारदर्शिता, जीएसटी में छूट, ट्रांसपोर्ट कारोबार पर टीडीएस समाप्त करने, ई वे बिल से जुड़ी व्यावसायिक समस्याओं को देखते हुए नियमों में संशोधन करने, बसों और पर्यटक वाहनों को नेशनल परमिट देने की मांग लंबे समय से की जा रही है। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया जिससे बाध्य होकर हड़ताल का कदम उठाया गया है।
हड़ताल को देहरादून में ट्रक और ट्रांसपोर्ट की विभिन्न यूनियंस, देहरादून ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन, देहरादून ट्रांसपोर्ट नगर समिति और सेलाकुई- पछवादून ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स संगठन समेत दर्जनों यात्री परिवहन सेवा संगठन अपना समर्थन दे रहे हैं।