एशिया के सबसे ऊंचे पेड़ की समाधि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिये भी यह जगह खास आकर्षण का केंद्र है। 220 साल पुराना यह पेड़ 30 दिसम्बर, 2007 को गिर गया था। इसी साल भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने एशिया के 60.65 मीटर ऊंचे चीड़ के इस पेड़ को महावृक्ष की उपाधि दी थी। वन विभाग ने इस महावृक्ष की समाधि टौंस नदी के किनारे बनवाई थी।
-30 दिसम्बर 2007 को गिर गया था, पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है यह समाधि
समाधि में पेड़ के तनों के साथ अलग-अलग हिस्सों को रखा गया है। वन विभाग ने समाधि के आसपास ईको पार्क का निर्माण करवाया है। जनपद मुख्यालय से यह समाधि 160 किलोमीटर दूर है। यह मोरी-त्यूणी मोटर मार्ग पर है।
राजशाही के जमाने में वन गुर्जर परिवार इस क्षेत्र में अपने मवेशियों के साथ रहते थे। कहते हैं कि एक वन गुर्जर ने शर्त रखी थी अगर यह पेड़ उसे दे दिया जाए तो वह इस पर चढ़ सकता है। बताते हैं कि जब वह उतर रहा था तो यह पेड़ गिर गया। इस वन गुर्जर की मौके पर मौत हो गई थी।