उत्तराखंड में एक दिन में दो बार डोली धरती, कोई नुकसान नहीं

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उत्तराखंड

उत्तराखंड में 5 घंटे में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। शनिवार देर शाम 7 बजकर 57 मिनट व 6 सेकेंड पर फिर देहरादून, उत्तरकाशी, हरिद्वार और ऋषिकेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पहले शाम 4 बजकर 28 मिनट पर पौड़ी गढ़वाल में 3.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस हुए थे। खबर लिखे जाने तक किसी नुकसान की खबर नहीं है।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक शनिवार देर शाम 7 बजकर 57 मिनट पर 6 सेकेंड पर देहरादून, उत्तरकाशी, ऋषिकेश और हरिद्वार में आए भूकंप का केन्द्र नेपाल था। भूकंप का आक्षांश 29.28 और देशांतर 81.20 था और भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई। भूकंप की जमीन के नीचे गहराई 10 किलोमीटर दूर था। धरती डोलते ही लोग घरों और कार्यालयों में बाहर आ गए।

उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि शनिवार रात्रि 7:57 बजे जिला मुख्यालय में हल्के भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं। जनपद के अन्य तहसील क्षेत्रान्तर्गत भूकंप के झटके महसूस नहीं किये गये हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी स्थान से कोई नुकसान की सूचना नहीं मिली है।

इससे पहले पौड़ी गढ़वाल में 4 बजकर 28 मिनट पर भूकंप आया। भूकंप का अक्षांश 29.76 और देशांतर 78.98 था। लौंसडौन के पास रीखणीखल में जमीन के नीचे पांच किलोमीटर दूर था। हालांकि झटका ज्यादा जोर का नहीं था। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई है। बताया जा रहा है कि यह इलाका ऋषिकेश से लगा हुआ है। इसका केंद्र पौड़ी गढ़वाल था। इससे जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि प्रदेश के पौड़ी जिले में भूकंप का केंद्र था। भूकंप 12 नवंबर की शाम करीब चार बजकर 25 मिनट पर आया। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 दर्ज की गई।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। प्रदेश के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं। इससे पहले 9 नवंबर को भूकंप के झटके उत्तराखंड समेत उत्तर भारत में महसूस किए गए थे। तब भी प्रदेश में दो बार भूकंप आया था। रात करीब दो बजे के बाद सुबह 6.27 बजे दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का पहला केंद्र नेपाल में था। रिक्टर स्केल में इसकी तीव्रता 6.3 नापी गई थी। भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर अंदर था। दूसरा केंद्र पिथौरागढ़ रहा, जिसकी तीव्रता 4.3 थी।