हरिद्वार। धर्म व्यक्ति के कर्मों को सुधार कर सन्मार्ग की प्रेरणा देता है और वेद सनातन धर्म के आधार हैं जो समाज को संस्कारवान बनाकर रचनात्मक विचारधारा से जोड़ते हैं। उक्त उद्गार हैं युवा संत त्रिकालदर्शी शिवमपुरी महाराज के थे, उन्होंने कांगड़ी ग्राम में गंगा तट से बद्री-केदार धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुभारम्भ हेतु भूमि पूजन करते हुए व्यक्त किए।
धर्मस्थलों को व्यक्ति की धार्मिक प्रवृत्ति का संवर्द्धक बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने-अपने धर्म का सम्मान करना चाहिए और धार्मिक स्थलों का दर्शन कर अपने संस्कार एवं संस्कृति को बचाकर अस्तित्व को बनाये रखना है। भगवान बद्रीश एवं बाबा केदारनाथ के दर्शनों हेतु शीघ्र ही एक-दो दिन में प्रारम्भ हो रही सस्ती एवं सुलभ हैली सेवा को सनातन धर्म की मान्यता और बढ़ाने के शुभ लक्षण बताते हुए कहा कि जितने अधिक व्यक्ति धर्मस्थलों का दर्शन करेंगे धर्म के प्रति उनकी आस्था और बढ़ेगी। सनातन धर्म में प्रवेश कर रही विसंगतियों को समूल नष्ट करने के लिए ही त्रिकालदर्शी आद्य एविएशन द्वारा हैलीकॉप्टर सेवा प्रारम्भ करायी जा रही है। चारधाम यात्रा को उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि भारत का गौरव बताते हुए कहा कि दो धाम की हैली सेवा में सफलता मिलने पर अन्य दो धामों की यात्रा के लिए भी राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त की जायेगी। संस्कार एवं संस्कृति की रक्षा करना ही संतों का धर्म और कर्म बताते हुए उन्हांेने कहा कि ढोंग और झूठ फरेब करने वालों ने धर्म को बदनाम कर दिया है और समाज को पुनः संस्कार एवं संस्कृति की ओर वापस लाने के लिए धार्मिक स्थलों का विकास एवं वेदों का प्रचार-प्रसार करना होगा और त्रिकालदर्शी आद्य एविएशन इसके लिए सदैव तत्पर रहेगा। इससे पूर्व म. भास्कर पुरी, आचार्य शीषराम उनियाल, पं. भवानी शंकर, मनोज भगत ने भूमि पूजन करवाकर हैली सेवा हेतु शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर महन्त कमलदास, स्वामी हरिहरानन्द, म. रोशन पुरी, विनित अरोड़ा, राकेश शर्मा, सीताराम इत्यादि उपस्थित रहे।